देश की आतंरिक सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों पर तीन दिनों से चल रहा मंथन, पीएम मोदी आज करेंगे डीजीपी कांफ्रेंस का समापन
देश की आतंरिक सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों पर तीन दिनों से चल रहा मंथन, पीएम मोदी आज करेंगे डीजीपी कांफ्रेंस का समापन

लखनऊ। देश की आंतरिक सुरक्षा की चुनौती अब केवल कानून-व्यवस्था की चुनौती नहीं, बल्कि फोर्थ जेनरेशन वारफेयर का अहम हिस्सा बन चुकी है। इस विषय में लखनऊ में देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर तीन दिवसीय डीजीपी कांफ्रेंस चल रहा है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष देशभर के शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने आंतरिक सुरक्षा की ऐसी बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए गहन पुलिस अफसरों के साथ करीब 12 घंटे विचार-विमर्श किया।

रविवार को पीएम मोदी सुबह सवा नौ बजे डीजीपी मुख्यालय पहुंचे थे। वहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री सीधे नवें तल पर आयोजित सम्मेलन हाल में पहुंचे। इसके बाद सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा का दौर शुरू हुआ।

तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन

कहा गया कि राज्यों में आपसी टकराव व भेदभाव के छोटे-छोटे मुद्दों को सामान्य रूप से कानून-व्यवस्था के तौर पर न देखें, बल्कि उसे बड़ा षड्यंत्र के रूप में देखते हुए तत्काल कार्रवाई की जाए। 12 घंटे की मौजूदगी में चले मंथन की मंशा यही है कि आतंकी मंसूबों को भारत अब और मजबूती से कुचलने के लिए तैयार होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन करेंगे। वह आंतरिक सुरक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार भी रखेंगे।

विदेशी फंडिग और आतंकवाद पर हुई चर्चा

वहीं प्रधानमंत्री ने आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ आतंकवाद, साइबर अपराध, तटीय सुरक्षा, नक्सलवाद, मादक पदार्थों की तस्करी के तरीकों में बदलाव और अन्य चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श किया। इसके साथ ही उन्होंने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए और तैयारियों की भी जांच की गई। पीएम मोदी ने पुलिस अफसरों से सीमा पर पलायन, देश को बदनाम करने के लिए विदेश से फंडिंग और इसमें विभिन्न एनजीओ की भूमिका पर विस्तृत चर्चा की और राज्यों की पुलिस और जांच एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाने की बात दोहराई गई।

कार्यवाई की दी जानकारी

सम्मेलन में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रविरोधी संगठनों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का ब्योरा प्रधानमंत्री के समक्ष रखा गया। प्रोजेंटेशन के जरिए बताया गया कि किस तरह एटीएस और एसटीएफ शांति व्यवस्था बिगाड़ने की साजिश रचने वाले संगठनों पर घुसपैठियों के खिलाफ कानूनी शिकंजा कस रही है।

इसके साथ ही ये बताया गया कि यूपी के बाराबंकी के चैनपुरवा गांव में अवैध शराब के कारोबार से जुड़े लोगों को कम्युनिटी पुलिसिंग के जरिए इस दलदल से बाहर निकाला गया और उन्हें रोजगार से जोड़ा गया। इसके साथ ही माफिया और भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान के तहत की गई कार्रवाई के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई।

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