रायपुर/ छत्तीसगढ़ भाजपा (BJP) में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है यह बात अब खुले तौर पर सामने आ गई है। गुटबाजी (Groupism) इतनी बढ़ चुकी है कि किसी मुद्दे पर एक राय बनाना बेहद मुश्किल हो चुका है। आलम ये है कि शुभकामना संदेश (Congratulation Massage) में भी खेमेबाजी दिखने लगी है। खेमबाजी का आलम ये है कि भाजपा ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ 1 वर्ष तक आंदोलन (Movement) नहीं करने का निर्णय लिया है। जबकि नगरीय निकाय चुनावों का काउंटडाउन (Count Down ) शुरू हो चुका है। सवाल यह भी है कि छत्तीसगढ़ में 15 वर्षों तक राज करने वाली भारतीय जनता पार्टी आखिर क्यों इस बदहाली के दौर से गुजर रही है? यह बात एक समीक्षा के माध्यम से हम टीआरपी के पाठकों तक पहुंचा रहे हैं।

मूणत गुट के निशाने पर फिर बृजमोहन !

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह (Dr Raman Singh) का आज 67वां जन्म दिवस है इस मौके पर अखबरों में राजेश मूणत और उनके समर्थकों ने शुभकामना संदेश जारी किया है जिसमें भाजपा के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agrawal) और सुनील सोनी (Sunil Soni) की तस्वीर गायब है। जिसे बृजमोहन अग्रवाल के समर्थक (Supporter) अपमान बता रहे है समर्थकों की माने तो राजेश मूणत गुट की तरफ से अक्सर कुछ न कुछ ऐसा किया जाता रहा है कि जिससे बृजमोहन अग्रवाल जैसे कद्दावर नेता को नीचा दिखाया जा सके और अपमानित किया जा सके है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि आज ही देखिए। रायपुर शहर के अखबारों (Newspapers) में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के जन्मदिन का विज्ञापन प्रकाशित हुआ है। यह विज्ञापन राजेश मूणत (Rajesh Munat) अथवा उनके समर्थकों द्वारा दिया गया है। जिसमें विनीत वरिष्ठ भाजपा नेता रायपुर हैं। परंतु आश्चर्य की बात है कि इस विज्ञापन में रायपुर शहर के 45 भाजपाईयों के साथ शहर से 7 बार के विधायक बृजमोहन अग्रवाल और सांसद सुनील सोनी की फोटो नदारद है। इस विज्ञापन को देखकर ही आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा के भीतर घमासान है। इस घमासान से बृजमोहन-मूणत का नुकसान हो ना हो पर भाजपा का जबरदस्त नुकसान दिख रहा है। सामने नगरीय निकाय चुनाव है। अपनी साख बचाने भाजपा को कड़ी मेहनत करनी है। परंतु जैसा कहते हैं न कि इतिहास दोहराता है। कुछ यही बात फिर सामने दिखाई पड़ रही है। पिछले महापौर चुनाव में भाजपा ने वरिष्ठ भाजपा नेता सच्चिदानंद उपासने को अपना महापौर प्रत्याशी बनाया था। उनके चुनाव संचालक बृजमोहन अग्रवाल थे। परंतु चुनाव प्रचार के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि भाजपा जीती हुई बाजी कांग्रेस से हार गई।
रायपुर शहर में जिला भाजपा द्वारा लगाई गई 25 होर्डिंग्स (25 Hoardings) में शहर के विधायक और चुनाव संचालक बृजमोहन अग्रवाल की ही फोटो गायब कर दी गई थी जबकि दर्जनभर छोटे नेता उन होर्डिंग्स में नज़र आ रहे थे। ऐसे में चाह कर भी उपासने होर्डिंग्स नही उतरवा पाए। खामियाजा उन्हें हार के रूप में चुनाव में भुगतना पड़ा। यहा एक बात समझने वाली है की बृजमोहन अग्रवाल पिछले 30 सालों से भाजपा विधायक के रुप में जनता के बीच काम कर रहे हैं। ऐसे में उनके समर्थको में गैर राजनीतिक लोगों (Political People) की संख्या भी बहुत है। वैसे भी बृजमोहन अग्रवाल की जो राजनीति है वह लोगों से व्यक्तिगत जुड़ाव पर ज्यादा विश्वास करते हैं। यही वजह है कि वे चुनावी राजनीति में निरंतर सफल रहे हैं। ऐसे व्यक्ति का अपमान जानबूझकर किया जाए तो निश्चित रूप से चाहने वालों का भाव पार्टी के प्रति नकारात्मक होगा।

बृजमोहन गुट के निशाने पर राजेश मूणत !

ऐसा नहीं है कि राजेश मूणत और उनके समर्थक के निशाने पर बृजमोहन अग्रवाल रहते है बल्कि बृजमोहन अग्रवाल के समर्थक राजेश मूणत को दरकिनार करने में कोई कसर नहीं छोड़ते है पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के जन्मदिवस पर केदार गुप्ता (Kedar Gupta) द्वारा शुभकामना  संदेश अखबारों में छपवाया गया जिसमें राजेश मूणत की फोटो गायब कर दी गई जबकि राजेश मूणत रायपुर पश्चिम से 3 बार विधायक रहे है भाजपा सरकार में कद्दावर मंत्रियों में उनकी गिनती होती थी।

भाजपा का भविष्य अंधकार में

ऐसी आपसी खींचतान में छत्तीसगढ़ भाजपा का भविष्य अंधकार मय नजर आ रहा है। ऐसे वक्त में नेतृत्व की उदासीनता समझ से परे है। भाजपा का कार्यकर्ता (BJP Worker) भी असहज है। उसे समझ नहीं आ रहा है आखिर किस दिशा में वे आगे बढ़े। वे समझ चुके है कि हर चुनाव में मोदी का सहारा काम नहीं आएगा। यह बात विधानसभा चुनाव में भी दिख गया अब नगरीय निकाय चुनाव में भी दिखाई पड़ता नज़र आ रहा है।

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