छत्तीसगढ़ से नाबालिगों की तस्करी का मामला उजागर, 03 बच्चों को आंध्र की पुलिस ने किया रेस्क्यू
छत्तीसगढ़ से नाबालिगों की तस्करी का मामला उजागर, 03 बच्चों को आंध्र की पुलिस ने किया रेस्क्यू

कोरबा। ग्रामीण इलाकों में व्याप्त बेरोजगारी का फायदा दलालनुमा लोग अब भी उठा रहे हैं और युवाओं के साथ ही नाबालिगों को भी यहां से दूसरे राज्यों में लेकर जा रहे हैं। इसका खुलासा आंध्र प्रदेश में 07 बच्चों के रेस्क्यू से हुआ है। इन बच्चो में से 03 कोरबा जिले के हैं।

आंध्रप्रदेश के तिरुचिरापल्ली रेलवे स्टेशन में एक साथ कई बच्चों को घूमता देख रेलवे सुरक्षा बल के जवानो ने शक के आधार पर रोककर पूछताछ की। पता चला कि काम दिलाने का झांसा देकर सात बच्चों को उत्तरप्रदेश व छत्तीसगढ़ से तमिलनाडु ले जाया जा रहा था।

07 बच्चों को किया गया बरामद

तिरुचिरापल्ली स्टेशन के आरपीएफ ने इस रेस्क्यू आपेरशन में कुल सात बच्चों को सुरक्षित किया। इनमें चार बच्चे उत्तरप्रदेश तो शेष तीन छत्तीसगढ़ के कोरबा के कटघोरा ब्लॉक के रहने वाले मिले। रेस्क्यू किए गए तीनो बालक करीब सोलह वर्ष की आयु के हैं। इनमें से एक यहां के ग्राम घूंचापुर, दूसरा कटघोरा व तीसरा ग्राम कपोट का रहने वाला है।

CWC के हवाले किया गया बच्चों को

आरपीएफ तिरुचिरापल्ली की ओर से रेस्क्यू आपरेशन के बाद बच्चों को वहां की CWC याने बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां काउंसिलिंग के बाद उन्हें तिरुचिरापल्ली स्थित बाल आश्रय गृह में सुरक्षित ठहराया गया। तिरुचिरापल्ली की CWC की ओर से बाल कल्याण समिति कोरबा को वहां तीनों बच्चों के होने की सूचना भेजी गई है। जल्द ही वैधानिक प्रक्रिया पूर्ण कर उन्हें कोरबा वापस लाने और उनके गांव पहुंचाने की कार्रवाई की जाएगी।

कटघोरा का दलाल लेकर गया था नाबालिगों को

नाबालिगों से पूछताछ में पता चला कि उनको लेकर जाने वाला एजेंट गिरवर लाल चौहान कटघोरा का रहने वाला है। बताया जाता है कि गिरवर पूरे इलाके में घूम-घूम कर जरूरतमंद परिवारों के बेरोजगार लड़कों की तलाश में रहता था। वह लड़कों को घरेलु काम के प्रतिदिन 400 रूपये दिलाये जाने का झांसा देकर लड़को लेकर गया था।

03 लोगों को किया गया गिरफ्तार

पुलिस ने इस मामले में बच्चों की तस्करी के आरोप में छत्तीसगढ़ के गिरवर लाल चौहान के साथ ही उत्तर प्रदेश के रामनाथ और शिवपूजा को गिरफ्तार किया है। तीनों इन बच्चों को तमिलनाडु में कंस्ट्रक्शन कार्य में काम दिलाने के लिए लेकर जा रहे थे।

हर वर्ष ऐसे ही होती है मानव तस्करी

छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य जिलों से ऐसे ही हर वर्ष बड़ी संख्या में युवाओं और नाबालिगों को लेकर दलालनुमा लोग दूसरे राज्यों में जाते हैं। इनमे से कई तो शोषण के बाद वापस लौट आते हैं, या फिर कई अपने परिवार को मदद करने की नियत से बंधुआ जैसे हालात में ही मजदूरी करने को तैयार हो जाते हैं। पूर्व में ऐसे अनेक मामले पकड़ में आ चुके हैं और लोगों को छुड़ाकर लाया जा चुका है। इस तरह की मानव तस्करी को रोकने के लिए ग्रामीण युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना होगा, इसके अलावा लोगों को जागरूक करने के साथ ही दलालों पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी।

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