पत्रकार और पुलिस बनकर ब्लैकमेलिंग करने वालों का गिरोह पकड़ाया, अब तक 09 फर्जी पत्रकार गिरफ्तार
पत्रकार और पुलिस बनकर ब्लैकमेलिंग करने वालों का गिरोह पकड़ाया, अब तक 09 फर्जी पत्रकार गिरफ्तार

जबलपुर। यहाँ एक ऐसा गिरोह पुलिस के हाथ लगा है जो कभी पत्रकार, तो कभी पुलिस, या फिर हिंदूवादी संगठन का सदस्य बनकर लोगों को ब्लैकमेल करता था। पुलिस इस गिरोह में शामिल 09 लोगों को अब तक पकड़ चुकी है। एक महिला की शिकायत पर इस गिरोह का भांडा फूटा।

आपत्तिजनक वीडियो बनाकर मांगे रूपये…

जबलपुर के मदनमहल थाने में तिलवारा इलाके की एक महिला ने बताया कि कुछ लोग आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उससे एक लाख रुपए मांग रहे हैं। पैसे ना मिलने पर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करने की धमकी दे रहे हैं। महिला का कहना था कि उसका पति पैसे नहीं देता है। बेटा भी काफी बीमार था। वह 25 जुलाई को शुक्ला नगर अंजनी विहार में रहने वाली अपनी एक सहेली के घर पैसे उधार लेने गई थी।

नारेबाजी करते हुए अंदर आई गैंग, वीडियो बनाकर धमकाया

वह उसके मकान में टॉयलेट के लिए गई, तभी नीचे से कुछ लोग नारेबाजी करते हुए आ गए। इनमें अर्पित ठाकुर, जेपी सिंह और उनके साथ कुछ अन्य लड़के थे। वे टीवी चैनलों की माइक आईडी लेकर घूमते रहते हैं, इस कारण उनके नाम वह जानती है। आरोपियों ने उसके आपत्तिजनक वीडियो बना लिए। उस पर आरोप लगाने लगे कि वह वैश्यावृत्ति कर रही थी। मकान में मौजूद उसकी सहेली और दो अन्य युवतियों के साथ भी मारपीट की गई। मौके पर पुलिस पहुंची तो सभी कुछ देर बाद निकल गए।

पैसे नहीं दिए तो आपत्तिजनक वीडियो वायरल कर दिया

महिला का कहना था कि आरोपी जेपी सिंह और अर्पित ठाकुर ने धमकाया कि हमारी टीम के खर्च के लिए एक लाख रुपए दो, नहीं तो तुम्हारा वीडियो वायरल कर देंगे। जब पैसे नहीं दिए तो उन्होंने मेरा आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। पुलिस ने महिला की शिकायत पर अर्पित ठाकुर, रवि बेन, जेपी सिंह, शैलेंद्र गौतम, पंकज गुप्ता, संतोष जैन समेत अन्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया। इसके साथ ही पंकज उर्फ अरुण गुप्ता, विवेक मिश्रा, जेपी सिंह, संतोष जैन सहित 09 लोगों कोअब तक गिरफ्तार कर लिया गया है।

इस गैंग में लड़कियां भी शामिल..!

पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि ये गैंग पिछले तीन साल से शहर में ब्लैकमेलिंग का धंधा कर रहा है। ये लोग पहले कुछ पुलिस वालों के साथ मिलकर भी ब्लैकमेलिंग करते थे। ये लोग फर्जी तरीके से पुलिस, क्राइम ब्रांच टीम, पत्रकार और हिंदूवादी संगठन के सदस्य बनकर फिल्मी स्टाइल में घरों में रेड मारते थे। घर में मिलने वाली महिलाओं के आपत्तिजनक वीडियो बनाकर पैसे मांगे जाते थे। अब तक ये कई शराब तस्कर, जुआ फड़ चलाने वाले, देह व्यापार के अड्‌डे पर दबिश देकर लाखों रुपए की वसूली कर चुके हैं। गिरोह में कुछ लड़कियां भी शामिल हैं। इनके जरिए इंजीनियर, बड़े अधिकारी और कारोबारी को फंसाया जाता था। फिर क्राइम ब्रांच, पत्रकार और हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारी बनकर ब्लैकमेल करते थे।

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