सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट का आदेश: 31 जुलाई तक सभी बोर्ड मूल्यांकन नीति के आधार पर जारी करें परिणाम

टीआरपी डेस्क। सुप्रीम कोर्ट में एक दायर याचिका में कोरोना (Coronavirus) संक्रमित मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की गई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। जिसके बाद केंद्र सरकार ने इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर 4 लाख का मुआवजा देने में असमर्थता जताई गई है।

केंद्र सरकार का कहना है कि सरकार पहले ही अन्य माध्यमों से आर्थिक सहायता दे चुकी है। इस पर कोरोना मृतकों के परिजनों को और 4-4 लाख रुपये देने से एसडीआरएफ का सारा फंड ही खत्म हो जाएगा, यह मुमकिन नहीं है।

कोरोना से निपटने के लिए काफी पैसे हो चुके हैं खर्च 

इसके साथ ही हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि पात्र और जरूरतमंद लोगों को मदद पहुंचाई जा चुकी है। पीड़ित परिजनों को और आर्थिक मदद देना संभव नहीं है। सरकार की तरफ से कहा गया कि केंद्र और राज्य सरकारें कोरोना वायरस से बने हालातों से निपटने के लिए काफी पैसा खर्च कर चुकी है और ज्यादा दबाव डालने से आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा।

याचिका में की गयी आर्थिक मदद की मांग

बता दें कि कोरोना वायरस से जिन मरीजों की मौत हुई, याचिका में उनके परिजनों को आर्थिक मदद देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने कहा कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट (NDMA) और साल 2015 में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (National Disaster Management Authority) की तरफ से निर्देश जारी किए गए थे। जिसमें आपदा के कारण होने वाली मौतों पर 4 लाख रुपये का मुआवजा देने की बात है।

हालांकि सरकार ने इस हलफनामे में यह साफ किया है कि कोविड से मौत के हर केस में डेथ सर्टिफिकेट में मौत की वजह कोविड ही दर्ज होगी। फिर भले ही उस शख्स को पहले से गंभीर बीमारी रही हो। सिवाय उन मामलों के जिनमें मौत की वजह दूसरी हो जैसे- जहर का सेवन, एक्सीडेंट और हृदयाघात से मौत हुई हो। कोर्ट ने ऐसे मामलों में डेथ सर्टिफिकेट के लिए एक समान नीति पर भी केंद्र से जवाब मांगा था।

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