टीआरपी डेस्क। देश के कई राज्यों में पत्रकारों को फ्रंटलाइन वारियर्स में शामिल किए जाने की खबरों के बीच अब छत्तीसगढ़ में भी इस बात को लेकर आवाज तेजी से उठने लगी है। हालांकि खबरें आ रही है कि मध्यप्रदेश के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी जल्द पत्रकारों को फ्रंट लाइन वारियर्स में शामिल किया जा सकता है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव पर सीएम बघेल जल्द ही निर्णय लेंगे।

ज्ञात हो कि कई राज्यों ने पत्रकारों को फ्रंट लाइन वारियर्स में शामिल किया है। आज ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों को फ्रंट लाइन वारियर्स में शामिल किए जाने का ऐलान किया। इधर छत्तीसगढ़ में भी जल्द ऐलान होने के आसार है।

आइए जानते हैं छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकारों का इस विषय पर क्या कहना है?

पत्रकारों को फ्रंट लाइन वारियर्स मानने में सरकार को क्या दिक्कत: केके शर्मा

रायपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण कुमार शर्मा ने कोरोनाकाल में पत्रकारों की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की है। साथ ही उन्होंने शीघ्र ही छत्तीसगढ़ के पत्रकारों को फ्रंट लाइन वारियर्स में शामिल करने की बात कही है। केके शर्मा ने कहा कि पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर हर खबरों को जनता तक प्राथमिकता के साथ पहुंचाने का काम कर रहे हैं। परिस्थिति चाहे जो भी हो पत्रकार दिन-रात काम पर डटे हुए हैं। बावजूद इसके सरकार पत्रकारों को फ्रंट लाइन वारियर्स मानने को तैयार नहीं? आखिर ऐसा करने में सरकार को क्या दिक्कत है? कोरोना की चपेट में आकर प्रदेश के कई पत्रकारों का निधन हो गया फिर भी किसी ने उनकी सुध लेना मुनासिब नहीं समझा।

उन्होंने आगे कहा कि जब किसी पत्रकार की मौत होती है तो उसका सारा परिवार सड़क पर आ जाता है। ऐसी परिस्थिति में भी सरकार आखिर क्यों उनकी मदद को आगे नहीं आ रही है। कई आंदोलनों के बाद भी आखिर क्यों आज तक प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू नहीं हो पाया? सरकार सिर्फ पत्रकारों को लॉलीपॉप पकड़ाने का काम कर रही है। सरकार से यही कहना चाहूंगा कि पत्रकारों के हित में जल्द कोई ठोस कदम उठाए।

पत्रकारों ने लोगों को जागरूक करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई, सरकार जल्द पहल करे: प्रियंका कौशल

वरिष्ठ पत्रकार प्रियंका कौशल ने कोरोनाकाल में भी पूरी मुस्तैदी के साथ डटे पत्रकारों के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से सरकार को जितना जल्दी हो सके प्रदेश के पत्रकारों को फ्रंट लाइन वारियर्स में शामिल करना चाहिए। पत्रकारों ने ही फील्ड पर उतरकर लोगों को कोरोना से बचाव के तरीके बताए। लोगों को हर खबरों के माध्यम से जागरूक करने में पत्रकारों ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई है और लगातार निभा भी रहे हैं।

पत्रकारों ने लोगों को मास्क, सैनेटाइजर जैसे ही कई अहम चीजों का महत्व समझाया। कोरोना से जुड़ी हर छोटी से लेकर बड़ी खबर को लगातार काम करते हुए जनता तक पहुंचाने का बीड़ा सिर्फ पत्रकारों ने ही उठाया है। ऐसे में सरकार को भी पत्रकारों को फ्रंट लाइन वारियर्स मानकर उन्हें शीघ्र टीका लगवाना चाहिए।