रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh assembly elections) में भाजपा (Chhattisgarh BJP) को मिली करारी हार के बाद अब नगरीय निकाय चुनाव (Chhattisgarh Urban body elections) में साख बचाने पार्टी को एड़ी -चोटी का जोर लगाना होगा। पूर्ण बहुमत के साथ प्रदेश में काबिज कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) सरकार के समक्ष 15  सीटों पर सिमटी भाजपा की राह आसान नहीं हैं। ऐसे में पार्टी की साख बचाने भाजपा क्या रूख ऐख़्तियार करेगी? किन मुद्दों को लेकर भाजपा  मैदान में उतरेगी ? ये बड़े सवाल इन दिनों राजनीतिक गलियारों में चर्चा के विषय बने हुए हैं।

इस मामले में द रूरल प्रेस (The Rural Press) की टीम ने भाजपा से उनका पक्ष जाना। द रूरल प्रेस से चर्चा में भाजपा के मीडिया पैनलिस्ट उमेश घोरमोड़े ने कहा कि  निश्चित तौर पर विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh assembly elections) में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन वहीं लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elcetions) में प्रचंड बहुमत से पूरे देश में भाजपा (BJP) की जीत ने इतिहास रच दिया।

वहीं अगर विधानसभा चुनाव की बात करें, तो कहीं ना कहीं 15 सालों से प्रदेश में काबिज रही भाजपा (BJP) की सरकार को एंटी इंकम्बैंसी (Anti incumbency) का सामना करना पड़ा है। लेकिन इसके बावजूद भाजपा ने कभी हार नहीं मानी। आगामी नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा पूरी ताकत के साथ प्रचार-प्रसार करेगी।

साथ ही नगरीय निकाय चुनाव में फिर से भाजपा (BJP) का परचम लहराएगा। कांग्रेस की सरक़ार  को सत्ता में आए कुछ ही महीने हुए हैं और प्रदेश की जनता में सरकार के प्रति आक्रोश का माहौल बन गया है।

 

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