झीरम आयोग की जांच रिपोर्ट के आधे-अधूरे होने की आशंका जताई सीएम बघेल ने, कहा - SIT जांच की अनुमति क्यों नहीं दे रही केंद्र सरकार
झीरम आयोग की जांच रिपोर्ट के आधे-अधूरे होने की आशंका जताई सीएम बघेल ने, कहा - SIT जांच की अनुमति क्यों नहीं दे रही केंद्र सरकार

रायपुर। झीरम नरसंहार की जांच रिपोर्ट सीधे राज्यपाल को सौंपे जाने के मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मुझे तो इसकी जानकारी मीडिया से हुई है। उन्होंने रिपोर्ट के आधा-अधूरा होने की आशंका जताते हुए सवाल उठाया है कि केंद्र सरकार इसकी नए सिरे से जांच करने की अनुमति हमें क्यों नहीं दे रहा है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज तीन जिलों के दौरे पर हैं। आज कांग्रेस के दिग्गज नेता और झीरम नरसंहार में नक्सलियों के हाथों शहीद हुए नंदकुमार पटेल की जयंती है, और मुख्यमंत्री उनके खरसिया स्थित गृहग्राम में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।

जिलों के प्रवास पर निकलने से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मान्य परंपरा के मुताबिक राज्य से संबंधित रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाती है, लेकिन यहां पर राजनीति हो रही है। उन्हें मिडिया से पता चल रहा है कि आयोग की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी गयी है।

सितम्बर महीने में आयोग ने कार्यकाल बढ़ाने की मांगी थी अनुमति

सीएम ने बताया कि घटना के बाद अब तक झीरम आयोग का कार्यकाल 20 बार बढ़ाया जा चुका है। इधर सरकार के पास सितम्बर के महीने में भी आयोग का कार्यकाल एक बार और बढ़ाने का अनुरोध सचिव की ओर से मिला, इस बीच जस्टिस प्रशांत मिश्रा का तबादला हो गया। इस संबंध में वे विधि विभाग से मार्गदर्शन ले ही रहे थे कि इसी बीच आयोग की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी गयी। इसका मतलब यह हुआ की रिपोर्ट आधी-अधूरी है।

NIA की जांच रिपोर्ट भी आधी-अधूरी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस घटना की जांच NIA द्वारा की गयी। उससे संबंधित रिपोर्ट 3 साल बीत जाने के बावजूद राज्य सरकार को नहीं सौंपी गयी। NIA इस मामले में गवाहों के बयान तक नहीं ले सका, ऐसे में रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठना लाजिमी है।


जांच संदेहास्पद होने के चलते राज्य सरकार ने झीरम कांड की जाँच SIT से करने की मांग केंद्र सरकार से की, मगर आज तक उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गयी। इससे साफ़ लग रहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार और अन्य संबंधित लोग षडयंत्रकारियों को सामने लाना नहीं चाहते।


सीएम ने कहा कि झीरम मामले को लेकर पहले से ही भाजपा विवादित रही है, उस पर केंद्र सरकार द्वारा गठित आयोग भी राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपने की बजाय राज्यपाल को सौंप रही है, तो किसी भी मायने में इसे यथोचित नहीं कहा जा सकता।

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