टीआरपी न्यूज। पिछले 5 दिनों से भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। देश में वायरस के तीसरे फेज यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका भी गहरा गई है। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सरकार ने इसे रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।


स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing यानी एक दूसरे से दूर-दूर रहने) के नियम का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अनुसार, सभी राज्यों को स्पष्ट निर्देश है कि Social Distancing सोशल डिस्टेंसिंग लागू कराने लिए उन्हें किसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी पड़े तो इसमें भी संकोच नहीं करें।

एपिडेमिक डिजीज कंट्रोल एक्ट के तहत राज्यों को पहले से ही कार्रवाई करने का पूरा अधिकार दिया गया है। इसके अलावा यदि जरूरत पड़े तो वे सीआरपीसी, आईपीसी या किसी भी अन्य कानून की धारा के तहत भी कार्रवाई कर सकते हैं।

इस लिए खतरनाक है Community Transmission?

अभी तक देश में जितने संक्रमित मिले हैं, वे या तो विदेश से आए हैं या ऐसे ही किसी संक्रमित के सीधे संपर्क में आए हैं। यह संक्रमण का Local Transmission (लोकल ट्रांसमिशन) स्टेज कहलाता है। इसमें संक्रमण का स्त्रोत ज्ञात रहता है। Community Transmission (कम्युनिटी ट्रांसमिशन) का अर्थ होगा कि कोई किसी अज्ञात के संपर्क में आकर संक्रमित हो गया। ऐसा होने पर संक्रमित लोगों की पहचान मुश्किल होती है और संक्रमण का दायरा बहुत तेजी से बढ़ता है।

क्या है Social Distancing?

सोशल डिस्टेंसिंग का अर्थ है लोगों से दूरी बनाकर रहना। यह इसी अवधारणा पर केंद्रित है कि लोग एक-दूसरे के संपर्क में आने से बचें। ऐसा होने से संभावित संक्रमण से बचना और बचाना संभव होगा। बेहद आपात स्थिति नहीं हो तो घर से बाहर नहीं निकलना और बाहर आने की सूरत में सामने वाले से तीन से छह फीट तक की दूरी रखना सोशल डिस्टेंसिंग का तरीका है।

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