नई दिल्ली। देसी कोरोना वैक्‍सीन (Covaxin) के आखिरी दौर का ट्रायल अगले महीने शुरू हो सकता है। भारत बायोटेक को ड्रग रेगुलेटर से फेज 3 ट्रायल की अनुमति मिल गई है। DCGI का एक्‍सपर्ट कमिटी की मंगलवार को मीटिंग हुई थी। इसी में वैक्‍सीन के आखिरी ट्रायल का अप्रूवल दिया गया।

DCGI ने प्रोटोकॉल में ‘थोड़ा संशोधन’ किया है। भारत में वैक्‍सीन के ट्रायल में 25 हजार से ज्यादा लोगों के शामिल होने की संभावना है। उन्‍हें 28 दिन के अंतराल पर वैक्‍सीन की दो डोज दी जाएंगी। शुरुआती ट्रायल में वैक्‍सीन के नतीजों ने उम्‍मीद जगाई है। Covaxin पहली स्‍वदेशी कोरोना वायरस वैक्‍सीन है। इसे इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर बनाया गया है।

ट्रायल प्रोटोकॉल मे क्‍या हुआ है बदलाव?

कमिटी की एक मीटिंग 5 अक्‍टूबर को हुई थी। उसमें कंपनी से फेज-3 ट्रायल के प्रोटोकाल को दोबारा सबमिट करने के लिए कहा गया था। कमिटी का मानना था कि फेज-3 स्‍टडी का डिजाइन तो संतोषजनक था। लेकिन उसकी शुरुआत फेज-2 के सेफ्टी और इम्‍युनोजेनिसिटी डेटा में से सही डोज तय करने के बाद होनी चाहिए। कमिटी ने फर्म से पहले उस डेटा की मांग की थी।

​कहां-कहां हो सकते हैं ट्रायल? कब आएगी वैक्‍सीन?

भारत बायोटेक का प्‍लान है कि Covaxin का आखिरी ट्रायल दिल्‍ली के अलावा उत्‍तर प्रदेश, बिहार, महाराष्‍ट्र, पंजाब और असम में किया जाए। कंपनी फरवरी तक फाइनल ट्रायल के रिजल्‍ट्स आने की उम्‍मीद कर रही है। उसके बाद अप्रूवल और मार्केटिंग की परमिशन के लिए अप्‍लाई किया जाएगा।

Covaxin में मिलाया गया है बूस्‍टर

भारत बायोटेक ने अपनी कोविड वैक्‍सीन में Alhydroxiquim-II नाम का अजुवंट जोड़ा है। यह वैक्‍सीन के इम्‍युन रेस्‍पांस को बेहतर करेगा और उससे लंबे वक्‍त तक कोरोना से सुरक्षा मिलेगी। अजुवंट एक ऐसा एजेंट होता है जिसे मिलाने पर वैक्‍सीन की क्षमता बढ़ जाती है। इससे टीका लगने के बाद शरीर में ज्‍यादा ऐंटीबॉडीज बनती हैं और लंबे वक्‍त तक इम्‍युनिटी मिलती है।

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