COVID-19: मोलनुपिराविर दवा कोरोना के इन मरीजों के लिए कारगर, हेटेरो ने मांगी आपात इस्तेमाल की मंजूरी
COVID-19: मोलनुपिराविर दवा कोरोना के इन मरीजों के लिए कारगर, हेटेरो ने मांगी आपात इस्तेमाल की मंजूरी

नेशनल डेस्क। देशभर कोरोना वायरस से निपटने के लिए वैक्सीनेशन अभियान लगातार जारी है। साथ ही कई वैक्सीनेशन व दवाइयों पर ट्रायल लगातार जारी है। इसी बीच खबर मिल रही है कि एंटीवायरल विशेषता वाली दवा मोलनुपिराविर तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में कोरोना रोगियों के इलाज में असरकारक पाई गई है।

मोलनुपिराविर को तैयार करने वाली दवा निर्माता कंपनी हेटेरो ने दावा किया है कि इसके सेवन से मामूली लक्षण वाले कोविड-19 रोगियों के मानक उपचार की तुलना में जल्दी स्वस्थ हुए हैं।

साथ ही निर्माता कंपनी ने बताया कि उसने भारत के औषधि महानियंत्रक से मोलनुपिराविर दवा के देश में आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने का अनुरोध किया है। हेटेरो ने कोविड-19 के मामूली लक्षण वाले रोगियों पर तीसरे चरण के तुलनात्मक क्लीनिकल अध्ययन की शुरुआत की थी। इन अध्ययन का उद्देश्य मोलनुपिराविर दवा समेत मानक देखभाल की प्रभाव क्षमताओं और सुरक्षा की सिर्फ मानक देखभाल से तुलना करना है।

इस वर्ष अप्रैल में हेटेरो ने भारत में मोलनुपिराविर दवा का उत्पादन एवं आपूर्ति करने वाली कंपनी एमएसडी के साथ लाइसेंसी समझौता किया। उक्त कंपनी भारत के अलावा निम्न एवं मध्यम आय वर्ग के 100 से अधिक देशों में दवा की आपूर्ति करती है। अंतरिम परिणामों में पता चला कि 14 दिन की निगरानी के दौरान जिन लोगों की मानक देखभाल की गई, उनकी तुलना में जिस समूह को मोलनुपिराविर दवा दी गई उन मरीजों में से बहुत कम को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी।

आगे कंपनी ने कहा, ‘तीसरे चरण के ट्रायल में पता चला कि मानक देखभाल की तुलना में मोलनुपिराविर का उपचार देने पर मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत कम पड़ी, सेहत में सुधार आने में कम समय लगा और मामूली लक्षण वाले कोविड मरीज जल्द संक्रमण मुक्त हुए जिसकी पुष्टि आरटी-पीसीआर जांच में हुई।’

दवा निर्माता ने कहा कि दोनों ही समूहों में किसी की मृत्यु नहीं हुई और जो भी दुष्परिणाम सामने आए, वे गंभीर प्रकृति के नहीं थे इसलिए दवा बंद करने की जरूरत नहीं पड़ी।

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