कोविड के फोबिया से मरीजों को बचाने का प्रयास, कोविड अस्पताल में इलाज के साथ मानसिक दशाओं पर भी निगरानी
कोविड के फोबिया से मरीजों को बचाने का प्रयास, कोविड अस्पताल में इलाज के साथ मानसिक दशाओं पर भी निगरानी

कवर्धा। कोरोना के संक्रमण और लगातार हो रही मौतों से लोग काफी तनाव में रहने लगे हैं। ऐसे में अगर किसी को यह बीमारी हो जाये तो उसकी मानसिक दशा का अंदाजा लगाया जा सकता है। इन मरीजों के इलाज में लगा स्वास्थ्य अमला अगर कोरोना पीड़ितों की मानसिक दशा ठीक करने के लिए भी प्रयास करे तो यह सराहनीय कार्य है।

योग और मेडिटेशन कर रहे हैं मरीज

कोविड के खतरों के बीच कवर्धा में स्वास्थ्य दल द्वारा कोविड केयर सेंटर महाराजपुर के मरीजों को योग और मेडिटेशन भी कराया जा रहा है। इधर डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में ड्यूटी कर रहे चिकित्सकों व नर्सेस द्वारा भी भर्ती मरीजों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परामर्श भी दिया जा रहा है। कोविड के फोबिया से मरीजों को बचाने के लिए सभी लगातार प्रयास रत हैं।

एक ओर जहां कोरोना ने लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला है, वही दूसरी ओर स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों ने अपने जज्बे का भी परिचय दिया है। कबीरधाम के कोविड केयर सेंटर व कोविड अस्पताल में भी इन दिनों ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है।

मोटिवेशनल सेशंस से मिलती है राहत

कवर्धा कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग के दल द्वारा किये जा रहे इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि मरीज की साइकोलॉजी का उसके स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है, ऐसे में इस तरह के मोटिवेशनल सेशन्स मरीजों को काफी राहत पहुंचाते हैं।

कोरोना पीड़ित गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव भी हुए

  • कोरोना का कहर गर्भवतियों पर भी बरपा है। यही कारण है कि अनेक गर्भवतियों को जिले के कोविड अस्पताल में भर्ती करके उनका उपचार करना पड़ा, इस बीच डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में अब तक लगभग 12 गर्भवतियों का सुरक्षित प्रसव भी कराया गया है। राहत भरी खबर यह है कि मां के कोविड पॉजिटिव होने के बावजूद बच्चों का रिपोर्ट नेगेटिव आया है, मतलब नवजातों को चिकित्सकीय टीम द्वारा कोविड से सुरक्षित बचा लिया गया।

  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना से पीड़ित अनेक लोग अब तक तनाव में आकर आत्महत्या कर चुके हैं। कोरोना के इलाज के बीच अगर ऐसे मरीजों का मानसिक तनाव दूर करने का भी प्रयास किया जाए तो वे समय से पहले ठीक होंगे और कोई आत्मघाती कदम उठाने से भी बचेंगे।

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