सरकारी खजाने से निजी स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने का माकपा ने किया विरोध, कहा : स्वास्थ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देना 'दिवालिया दिमाग की उपज
सरकारी खजाने से निजी स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने का माकपा ने किया विरोध, कहा : स्वास्थ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देना 'दिवालिया दिमाग की उपज

रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सरकारी खजाने से अनुदान देकर निजी स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने के कांग्रेस सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया है और चुनावी वादे के अनुसार सरकारी स्वास्थ्य के क्षेत्र को मजबूत करने और सभी नागरिकों को इसे निःशुल्क उपलब्ध कराने की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा देने से सरकारी स्वास्थ्य की बची-खुची विश्वसनीयता और गुणवत्ता भी खत्म हो जाएगी।

कोरोना काल के अनुभव से सबक ले कांग्रेस

माकपा राज्य सचिवमंडल ने कांग्रेस सरकार के इस फैसले को कॉर्पोरेटपरस्त फैसला बताया है और कहा है कि अनुभव के आधार पर इस फैसले को पलटा जाना चाहिए। हमारा अनुभव यह बताता है कि इससे पहले भी निजी क्षेत्र को बेशकीमती जमीन सहित कई प्रकार की रियायतें सरकार द्वारा दी गई, लेकिन संकट के समय भी गरीबों को कोई सही चिकित्सा सुविधा नहीं मिली और निजी अस्पताल केवल मुनाफा बनाने में ही लगे रहे। माकपा ने कहा कि कोरोना संकट के समय भी इन निजी अस्पतालों ने मरीजों को लूटा है और सरकार के सभी दिशा-निर्देश कागजों तक ही सीमित रह गए। कांग्रेस सरकार को इस अनुभव से सबक लेना चाहिए।

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