TRPDSK@ADITYA TRIPATHI:- कोरोना वायरस का कहर देश-दुनिया पर टूट रहा है, वहीं दूसरी ओर साइबर अपराधी अब इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। वह ई-मेल, फेसबुक और वाट्स एप समेत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। मुंबई, दिल्ली में घटनाओं के बाद पुलिस ने इस बाबत इंटरनेट यूजर को अलर्ट करना शुरू किया है। मंडल भर की साइबर सेल टीमों को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं।

इस तरह बना रहे शिकार

सावधान! कोरोना वायरस से बचाव और उसके बारे में जानकारी देने का झांसा देकर साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। वह सोशल साइट पर लिंक भेज रहे हैं, जिन्हें ओपन करते ही लोगों का पर्सनल डाटा चोरी हो जाता है। साइबर एक्सपर्ट सचिन गुप्ता बताते हैं कि जागरूकता संदेशों के साथ आए किसी भी लिंक को खोलना खतरनाक हो सकता है। मोबाइल फोन से बैंकिंग और ऑनलाइन शॉपिंग जैसे तमाम कार्य होते हैं, इसलिए मोबाइल हैक होते ही पूरा डाटा साइबर अपराधियों तक पहुंच सकता है।
साइबर सेल के कर्मचारियों ने बताया कि साइबर अपराधी खुद को अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन या किसी स्वास्थ्य एजेंसी का कर्मचारी बताते हैं। ई-मेल में लिखा होता है कि एजेंसी ने नोवल कोरोना की घटनाएं रोकने के लिए मैनेजमेंट सिस्टम बनाया है। लिस्ट अपडेट करने के नाम पर लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है।

रैनसमवेयर भेजकर रंगदारी मांगने के मामले

साइबर अपराधी मोबाइल व कंप्यूटर हैक करने के साथ ही सर्वर का डाटा भी चोरी कर डाटा रीस्टोर करने के नाम पर बिटक्वाइन मांग रहे हैं। मुंबई में ऐसा एक केस सामने आया है। डेढ़ वर्ष पूर्व ग्र्रीन पार्क के पास स्थित एक रीयल एस्टेट कंपनी का डाटा हैक करने के बाद भी अपराधियों ने बिटक्वाइन में रंगदारी मांगी थी। अब तक उन अपराधियों का पता नहीं लग सका है।
व्यक्तिगत जानकारी मांगते शातिर

लिंक खोलने के बाद लोगों के पास नए वेबपेज पर एक फार्म खुलता है। उसमें व्यक्तिगत जानकारी मांगी जा रही है। कहा जाता है कि सेमिनार में प्रतिभाग करने के लिए यह सूचना जरूरी है। ऐसे ही कोरोना वायरस से बचाव के सुरक्षा मानकों को जानने के लिए लिंक खोलने को कहा जाता है। क्लिक करते ही कंप्यूटर व मोबाइल हैक हो जाता है। इससे पेटीएम, खाते की जानकारी आदि हैकर तक पहुंच सकती है।
अनजान लिंक न खोलें

साइबर अपराधी तात्कालिक घटनाओं पर लिंक बनाकर भेजते हैं ताकि लोगों का डाटा हासिल कर सकें। कोरोना वायरस के नाम पर भी ठगी की आशंका है। लिहाजा साइबर एक्सपर्ट की मदद से लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे फोन व कंप्यूटर पर अनजान लिंक को न खोलें। -लान सिंह, साइबर सेल प्रभारी