टीआरपी डेस्क। कुछ महीनों तक साफ नीले आसमान और स्वच्छ हवा के बाद दिल्ली-एनसीआर में आकाश एक बार फिर धुएं और स्मॉग से भर गया है। दिल्ली-एनसीआर के लिए प्रदूषण पहले से ही गंभीर समस्या रही है, अब ऊपर से कोरोना कोढ़ में खाज का काम कर सकता है। जाड़े का मौसम दहलीज पर है और एक्सपर्ट्स ने चेताया है कि प्रदूषण के उच्च स्तर से कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति और बदतर हो सकती है।

इस जाड़े में और ज्यादा सावधानी की जरूरत

पर्यावरण और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे और ज्यादा सावधानी बरतें क्योंकि खतरनाक और प्रदूषित हवा से गंभीर संक्रमण का खतरा और उच्च मृत्यु दर की आशंका बढ़ेगी। खासकर उन लोगों से और ज्यादा सावधानी बरतने को कहा गया है जिन्हें कोरोना से संक्रमित होने का जोखिम ज्यादा है।

‘प्रदूषण से सांसों से जुड़े संक्रमण तेजी से फैलेंगे, गंभीरता भी ज्यादा होगी’

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना काल में प्रदूषण की वजह से फेफड़ों को पहुंचने वाले नुकसान से न्यूमोनिया जैसी बीमारियां जकड़ सकती हैं। ग्रीनपीस इंडिया के क्लाइमेट कैंपेनर अविनाश चंचल ने कहा, ‘इस बात के बहुत ज्यादा सबूत हैं कि एयर पलूशन की वजह से सांस से संबंधित वायरल इन्फेक्शंस का जोखिम बढ़ जाता है। न सिर्फ प्रसार के मामले में बल्कि संक्रमण की गंभीरता में भी।’

हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कम करता है पलूशन!

चंचल ने कहा कि रिसर्चरों ने पाया है कि एयर पलूशन की वजह से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है। कोरोना के मामले में मौजूदा सबूत इस ओर इशारा करते हैं कि हवा में प्रदूषित और जहरीले तत्वों की वजह से और ज्यादा गंभीर संक्रमण हो सकते हैं और मौतें भी ज्यादा होंगी।

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