DAV मुख्यमंत्री के विद्यालयों को साल भर से नहीं मिल रहा आर्थिक अनुदान, वेतन को मोहताज शिक्षकों के राशन का इंतजाम करेंगे विद्यर्थियों के पालक
DAV मुख्यमंत्री के विद्यालयों को साल भर से नहीं मिल रहा आर्थिक अनुदान, वेतन को मोहताज शिक्षकों के राशन का इंतजाम करेंगे विद्यर्थियों के पालक

रायपुर। भाजपा के शासनकाल में प्रदेश भर में खोले गए DAV मुख्यमंत्री विद्यालयों की हालत पिछले एक साल से बदतर हो गई है। इन विद्यालयों के संचालन के लिए राज्य शासन की ओर से DAV प्रबंधन को मिलने वाला आर्थिक अनुदान पिछले एक साल से बंद है, जिसके चलते यहां कार्यरत शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है, कई शिक्षक तो काम छोड़ चुके हैं, वहीं जो बचे हुए हैं उनको राशन के लाले पड़ गए हैं।

मॉडल स्कूलों को किया था DAV प्रबंधन के हवाले

छत्तीसगढ़ की डॉ रमन सिंह की सरकार ने राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए लगभग 74 मॉडल स्कूलों की स्थापना की थी, मगर कालांतर में प्रबंधन ठीक से नहीं होने के चलते मॉडल स्कूलों की हालत ख़राब होती चली गई, जिसकी वजह से स्कूलों के संचालन का जिम्मा DAV प्रबंधन को सौंप दिया गया। और स्कूलों को नया नाम देते हुए DAV मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल कर दिया गया। मगर DAV प्रबंधन भी इन स्कूलों का संचालन ठीक ढंग से नहीं कर सका।
इस बीच सत्ता परिवर्तन हुआ, तब भी DAV प्रबंधन को राज्य सरकार से आर्थिक अनुदान मिलता रहा, मगर बीते एक साल से शिक्षा विभाग से पैसे मिलने बंद हो गए। इस दौरान कोरोना काल में DAV प्रबंधन की कमर टूट गयी और वह शिक्षकों को वेतन देने में भी असमर्थ हो गया।

बस्तर के स्कूलों की हालत ज्यादा ख़राब

प्रदेश भर में चल रहे DAV मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूलों की हालत वर्तमान में कुछ ठीक नहीं है। इनमे भी सबसे ज्यादा ख़राब हालत बस्तर संभाग के जिलों में संचालित स्कूलों की है। यहां के बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिलों में लगभग डेढ़ दर्जन DAV मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल संचालित हैं। सरकार से किये गए अनुबंध के तहत इन स्कूलों के लिए पूरी तरह आर्थिक अनुदान देने की शर्त है, मगर बीते एक साल से प्रबंधन को शासन से पैसे नहीं मिले तो शिक्षकों और अन्य संबंधित किसी को भी वेतन और अन्य भुगतान नहीं किया गया।

अनेक शिक्षक छोड़ चुके हैं नौकरी

वेतन नहीं मिलने के चलते DAV प्रबंधन द्वारा संचालित इन विद्यालयों के अनेक शिक्षक नौकरी छोड़ चुके हैं, वहीं जो शिक्षक अब भी टिके हुए हैं उनकी हालत भी अब जवाब देने लगी है। शिक्षक अलग-अलग तरीके से अपना विरोध जाता चुके हैं मगर अब तक भुगतान नहीं होने के चलते प्रबंधन उन्हें वेतन नहीं दे पा रहा है। आर्थिक स्थिति ख़राब होने के चलते शिक्षक घर का राशन भी नहीं खरीद पा रहे हैं।

शिक्षकों के राशन का इंतजाम करेंगे अभिभावक

स्कूल में शिक्षकों की कमी के चलते DAV स्कूलों में वैसे भी पढाई प्रभावित हो रही है, वहीं जो शिक्षक वहां बचे हुए हैं उनकी भी नौकरी छोड़ने की नौबत आ गयी है, इससे चिंतित विद्यार्थियों के अभिभावकों ने इस मुद्दे को लेकर शिक्षा मंत्री के नाम का ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। यह वाकया बस्तर के गीदम क्षेत्र का है, जहां अभिभावकों ने प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौपा और DAV के स्कूलों में शिक्षकों का वेतन देने की मांग की।
अभिभावकों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि अब वे खुद इन शिक्षकों के लिए राशन का इंतजाम करेंगे, अन्यथा विद्यालय में कोई शिक्षक ही नहीं रह जायेगा। बच्चों के भविष्य निर्माताओं की दयनीय हालत देखकर अभिभावकों ने अब उनके लिए राशन की व्यवस्था करने और हक की लड़ाई के लिए सड़क पर उतरने का मन बना लिया है।

जल्द ही मिलने वाली है रकम : आरडी

DAV प्रबंधन के भिलाई स्थित राज्य मुख्यालय में पदस्थ रीजनल डायरेक्टर प्रशांत कुमार ने TRP न्यूज़ को बताया कि उनकी चर्चा शिक्षा विभाग के प्रमुख अधिकारियों से हुई है, उन्हें आश्वस्त किया गया है कि दो दिनों के भीतर DAV के बकाये का भुगतन कर दिया जायेगा। प्रशांत कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग के ऊपर उनका 12 करोड़ रुपयों का बाकया है।

बहरहाल प्रदेश भर में संचालित DAV मुख्यमंत्री पुब्लिक स्कूलों की हालत ख़राब है और अगर जल्द ही सरकार ने DAV प्रबंधन को फण्ड मुहैया नहीं कराया तो इन स्कूलों में ताला लगाने की नौबत आ जाएगी।

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