दिसंबर तक 18+ वाली पूरी आबादी को कैसे लगेगा कोरोना टीका, सरकार ने बताया पूरा प्लान
दिसंबर तक 18+ वाली पूरी आबादी को कैसे लगेगा कोरोना टीका, सरकार ने बताया पूरा प्लान

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने टीकाकरण नीति में बदलाव के साथ ही दिसंबर तक 18 साल से अधिक आबादी के सभी 94 करोड़ लोगों को टीका लगाने की योजना तैयार कर ली है। सरकार ने कहा कि जुलाई तक टीके की 53.6 करोड़ खुराक उपलब्ध हैं, जबकि अगस्त से दिसंबर के बीच 133.6 करोड़ खुराक का इंतजाम किया जा रहा है। इससे सभी 94 करोड़ लोगों को टीका लगा पाना संभव हो सकेगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के अनुसार टीकाकरण शुरू होने से लेकर जुलाई तक टीकों की उपलब्धता 53.6 करोड़ है। इसमें राज्यों एवं निजी अस्पतालों द्वारा सीधे तौर पर खरीदी गई 18 करोड़ डोज भी शामिल है। अगस्त से दिसंबर के बीच कोविशील्ड की 50 करोड़, कोवैक्सीन की 38.6 करोड़, बायोलॉजिकल ई की 30 करोड़,, जायडस कैडिला की 5 करोड़ तथा स्पूतनिक के 10 करोड़ डोज उपलब्ध होंगे।

पांच महीनों में 133.6 करोड़ खुराक

इन पांच महीनों में 133.6 करोड़ खुराक होगी। इस प्रकार जनवरी से दिसंबर तक कुल 187.2 करोड़ खुराक होंगी। जो 94 करोड़ वयस्क व्यक्तियों के लिए पर्याप्त होंगी। भूषण के अनुसार यदि फाइजर, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन आदि से इस बीच टीके मिल जाते हैं, साथ ही घरेलू कंपनी जिनोवा का टीका तैयार हो जाता है या भारत बायोटैक की नेजल वैक्सीन तैयार हो जाती है, तो इससे टीकों की अतिरिक्त उपलब्धता होगी।

टीकाकरण में अब तेजी

मई की शुरुआत में टीकाकरण में सुस्ती आ रही थी, लेकिन अब इसने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। 31 मई को 28 लाख टीके लगे थे, तो 4 जून को 36.5 लाख टीके लगे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इसमें तेजी आएगी क्योंकि जून में 12 करोड़ डोज उपलब्ध हैं। जबकि मई में यह आठ करोड़ के करीब थीं।

राज्यों को आपूर्ति

भूषण के अनुसार नई टीका नीति लागू होने के बावजूद जिन राज्यों ने टीकों के आर्डर घरेलू कंपनियों को दिए हैं, उनकी आपूर्ति कंपनियों द्वारा तय कार्यक्रम के अनुसार की जाएगी। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में ऐसा कोई मामला नहीं है जिसमें किसी राज्य ने विदेशी कंपनी से अब तक खरीद की हो।

वैक्सीन आवंटन फार्मूला

उन्होंने कहा कि राज्यों को टीके के आवंटन का फार्मूला पूर्व की भांति रहेगा जिसमें टीकाकरण योग्य आबादी को आधार बनाया जाता है।

स्पूतनिक का देश में उत्पादन शुरू

उन्होंने कहा कि रूसी टीके स्पूतनिक का निर्माण देश में सात कंपनियां करने जा रही हैं। इनमें से दो कंपनियों ने कार्य शुरू कर दिया है। इसलिए स्पूतनिक की विदेशों से खरीद की जरूरत नहीं है। क्योंकि जब यह देश में ही बनेगी तो इसकी कीमतें काफी कम हो जाएंगी।

प्राथमिकता तय कर सकते हैं राज्य

मंत्रालय के अनुसार राज्यों को कुछ हद तक टीकाकरण के लिए अपनी प्राथमिकताएं तय करने का अधिकार होगा। वह अपने प्राथमिकता समूह तय कर सकेंगे। जल्द जारी होने वाले दिशा-निर्देशों में इस बारे में स्पष्टता आ सकती है।

10 राज्यों ने किया अनुरोध

सरकार ने कहा कि मई में पंजाब, केरल, महाराष्ट्र समेत 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र को पत्र लिखकर टीके की केंद्रीय स्तर पर खरीद की मांग की थी। अन्य राज्यों में सिक्किम, मिजोरम, मेघालय, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा तथा त्रिपुरा शामिल हैं।

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