टीआरपी डेस्क। कोयला भ्रष्टाचार मामले (Coal Scam Case) में दोषी साबित होने वाले पूर्व केन्द्र मंत्री दिलीप रे (Dilip Ray) को 3 साल के लिए जेल भेज दिया गया है। 1999 में झारखंड कोयला ब्लॉक ( Jharkhand coal block ) के आवंटन में कथित अनियमितता मामले में आज फैसला आ गया।

इस मामले में दिल्ली की अदालत ने कोयला मंत्रालय के तत्कालीन दो अधिकारी, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल) निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) को भी दोषी ठहराया है।

क्या है मामला

दिलीप रे (Dilip Ray) पर सन् 1999 में झारखंड के गिरिडीह स्थित ब्रह्मडिहा कोयला खदान आवंटन ( Jharkhand coal block ) में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगा था। इस मामले में दिलीप रे के साथ 4 लोग दोषी साबित हुए हैं। 6 अक्टूबर को विशेष सीबीआइ अदालत ने इन्हें दोषी साबित किया है। 14 अक्टूबर को विशेष सीबीआइ अदालत में सीबीआइ एवं अभियुक्तों के वकीलों की तरफ से बहस हुई थी। सीबीआइ वकील ने अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के लिए कहा था एवं प्रतिपक्षण वकील ने अभियुक्त की आयु तथा पहले से कोई आपराधिक रिकार्ड ना होने से उनके खिलाफ सहूलियत बरतने के लिए निवेदन किया है। सीबीआइ विशेष अदालत के न्यायाधीश भरत पराशर ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद राय को सुरक्षित रखते हुए आज कोर्ट में हाजिर होने के लिए निर्देश दिया था।

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