रायपुर। फिक्की के सहयोग से कोयला मंत्रालय (Ministry of Coal) द्वारा आयोजित हितधारकों के परामर्श बैठक आयोजित की गई। स्टेकहोल्डर कंस्लटेशन मीट में केंद्रीय कोयला सचिव सुमंत चौधरी ने कहा है कि केंद्र सरकार ने कोयला खदानों के जल्द परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत फैसले लिए हैं। साथ ही कोयला ब्लॉक आवंटियों को भी खदानों को शुरू करने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे।

उन्होंने कहा कि कोयला मंत्रालय (Ministry of Coal) ने कोयला खदानों के शीघ्र परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत निर्णय लिया है। जिसमें संयंत्र के उपयोग के लिए खुले बाजार में 25 फीसदी कोयले की बिक्री की अनुमति देना, दक्षता मापदंड में छूट देना तथा ग्रेस अवधि का प्रावधान करना भी शामिल है।

फिक्की के परामर्श बैठक में कोयला क्षेत्र के मुद्दों पर चर्चा, इन्होंने रखा ये पक्ष
फिक्की के परामर्श बैठक में कोयला क्षेत्र के मुद्दों पर चर्चा, इन्होंने रखा ये पक्ष

खनन पट्टे देने में सरलीकरण की संभावना का पता लगाएं

कोयला सचिव ने कहा कि कोयला मंत्रालय (Ministry of Coal) विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों से मंजूरी के तेजी से अनुमोदन के लिए एकल खिड़की योजना विकसित करने पर भी कार्य कर रहा है। कोयला मंत्रालय ने 27 कोयला खदानों की नीलामी और 15 कोयला खदानों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह प्रक्रिया इस वर्ष नवंबर तक पूरी होने की संभावना है। चौधरी ने इस दौरान राज्य सरकारों से अनुरोध किया वह खनन पट्टे देने में सरलीकरण की संभावना का पता लगाएं तथा सुनिश्चित करने भी कहा।

कोयला ब्लॉकों के परिचालन की समस्या को हल करना होगा

कोयला सचिव ने यह भी कहा कि सरकारी, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और निजी क्षेत्र की सभी कंपनियों को सामूहिक रूप से कोयला ब्लॉकों के परिचालन की समस्या को हल करना होगा। चौधरी जी ने आगे कहा कि यह महसूस करना महत्वपूर्ण है कि इस देश में प्रचुर मात्रा में कोयला होने के बावजूद हम कोयले की आपूर्ति में कमी जारी रखते हैं। यह निश्चित रूप से अच्छी स्थिति नहीं है। हम सभी को मिलकर इसे सही करने की आवश्यकता है।

सरकार के साथ-साथ कोयला ब्लॉक आवंटियों को भी खदान शुरू करने और कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए कदम उठाने होंगे। इस अवसर पर कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव आशीष उपाध्याय ने इज आफ डूइंग बिजनेस, ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक नीलामी प्रक्रिया और आवंटन के लिए उपलब्ध ब्लॉकों का विवरण से संबंधित लिए गए नीतिगत फैसलों की जानकारी दी।

मेगा वाट के पावर प्लांट कोल के अभाव में बंद है

फिक्की छत्तीसगढ़ प्रदेश के चेयरमैन प्रदीप टंडन (Chairman Pradeep Tandon) ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लगभग 7000 मेगा वाट के पावर प्लांट कोल के अभाव में बंद है । इन प्राइवट पावर प्लांटस (Power plants) को गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान की पब्लिक सेक्टर कम्पनी को अलॉटेड कोल ब्लॉक्स जो की गारे पॉल्मा रायगढ़ तथा सरगुज़ा में हैं वहाँ से पावर प्रडूस करने के लिए कोल देना चाहिए। ऐसा करने से पब्लिक सेक्टर कम्पनीयों का ट्रैन्स्पर्टेशन पर ख़र्च होने वाला हज़ारों क्रोर रुपया बचेगा और छत्तीसगढ़ के पावर प्लांट उन्हें कोस्ट प्लस पर सस्ती बिजली मुहैया करा देंगी।

डिमांड और सप्लाई की अंतर को निर्धारित कर योजना बनाने की सलाह

ऐसा करने से छत्तीसगढ़ की इकानमी पुनर्जीवित हो जाएगी और पी एस यू (PSU) कम्पनीज़ को मन चाहे स्थान पर बिजली उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने फ़्लाई ऐश डिस्पोज़ल को लेकर भी कोल सेक्रेटेरी से एस.ई.सी.एल. द्वारा बेकार पड़ी माइंज़ को बैक फ़िलिंग के लिए उपलब्ध करने की गुज़ारिश की । छत्तीसगढ़ शासन के प्रिंसिपल सेक्रेट्री उद्योग वाणिज्य एवं परिवहन मनोज कुमार पिंगुआ ने अपने वक्तव्य में डिमांड और सप्लाई की अंतर को निर्धारित कर योजना बनाने की सलाह दी। आशीष उपाध्याय आईएएस संयुक्त सचिव कोल मिनिस्ट्री गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने अपने विचार में इज ऑफ डूइंग बिजनेस ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक ऑक्शन प्रोसेस एवं एलोकेशन के लिए उपलब्ध ब्लॉक की विवेचना की।

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