बुलेटप्रुफ जैकेट
DRDO ने तैयार की पहले से हल्की बुलेटप्रुफ जैकेट, रक्षा मंत्री ने दी बधाई

टीआरपी डेस्क। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारतीय सेना के लिए एक नई और हल्की बुलेटप्रुफ जैकेट विकसित की है, जिसका वजन केवल नौ किलोग्राम है। डीआरडीओ ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि यह जैकेट कानपुर स्थित उसकी प्रयोगशाला रक्षा सामग्री एवं भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (डीएमएसआरडीई) ने विकसित की है। 

टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लैब में किया गया परीक्षण

संगठन ने बताया कि इस फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (एफएचएपी) जैकेट का चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लैब में परीक्षण किया गया, जहां यह संबंधित बीआईएस मानकों पर खरी उतरी है। डीआरडीओ ने बताया कि इस हल्की जैकेट को तैयार करने में जो तकनीक इस्तेमाल की गई है उसने जैकेट का वजन 10.4 किलोग्राम से घटाकर नौ किलोग्राम कर दिया है।

भारतीय मानक ब्यूरो संबंधी मानक प्राप्त

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कहा कि यह जैकेट भारतीय सेना की गुणवत्ता संबंधी जरूरतें पूरी करने में मदद करेगी। डीआरडीओ ने एक बयान में कहा कि ‘फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल’ (एफएचएपी) जैकेट का चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला में (टीबीआरएल) में परीक्षण किया गया और भारतीय मानक ब्यूरो संबंधी मानक प्राप्त कर लिए गए।

सैनिकों को जैकेट के वजन कम होने से मिलेगी राहत

डीआरडीओ के अनुसार इस महत्वपूर्ण विकास की अहमियत इस तथ्य में है कि जैकेट के वजन में प्रत्येक ग्राम की कमी सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उन्हें वजन से राहत प्रदान करती है। प्रौद्योगिकी के जरिए मध्यम आकार की बुलेटप्रूफ जैकेट का वजन 10.4 किलोग्राम से नौ किलोग्राम कर दिया गया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई

इस उद्देश्य के लिए प्रयोगशाला में विशिष्ट सामग्री और प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैनिकों को राहत प्रदान करने के लिए कम वजन की बुलेटप्रूफ जैकेट का विकास किए जाने पर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और संबंधित उद्योग को बधाई दी। डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी इस बुलेटप्रूफ जैकेट के विकास पर डीएमएसआरडीई की टीम को बधाई दी।

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