छत्तीसगढ़ में मृतक के अंगदान की प्रक्रिया हेतु प्रयास प्रारंभ, मेडिकल कॉलेज रायपुर में होगी 5 दिवसीय कार्यशाला
छत्तीसगढ़ में मृतक के अंगदान की प्रक्रिया हेतु प्रयास प्रारंभ, मेडिकल कॉलेज रायपुर में होगी 5 दिवसीय कार्यशाला

रायपुर। आखिरकार प्रदेश में मृतक के अंगदान की प्रक्रिया शुरू किये जाने को लेकर राज्य स्तर पर प्रयास प्रारंभ कर दिये गये है। इसके लिए रीजनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (रोटो) मुंबई 22 से 26 मार्च तक 5 दिवसीय कार्यशाला आयोजित करने जा रहा है।

केन्द्रीय जेल के सम्मुख स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के हॉल 6 में यह कार्यशाला आयोजित है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में स्टेट आर्गन एण्ड टिशु ट्रांसप्लान्ट आर्गनाईजेशन (सोटो) का गठन करना है।

कार्यशाला के दौरान मृतक के अंगो के अंगदान हेतु ट्रांसप्लान्ट कोआर्डिनेटर को प्रशिक्षण एवं अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं की जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए पंजीयन अनिवार्य व निःशुल्क होगा। इस कार्यशाला के लिए ऐसे अस्पताल जहां ट्रांसप्लान्ट हो रहा है या जो ट्रांसप्लान्ट शुरू करना चाहते है, वे सभी इस कार्यशाला में शामिल हो सकते है।

कार्यशाला के लिए 50 की संख्या निर्धारित की गई है। जो चिकित्सक, ट्रान्सप्लान्ट कोआर्डिनेटर व नर्स कार्यशाला में शामिल होना चाहते है, उन सभी को अपना पंजीयन कराना होगा, जो कि निःशुल्क होगा पहले पंजीयन कराने वाले को प्राथमिकता दी जाएगी।

क्या होता है केडेवर ट्रांसप्लांट

ब्रेन डैड मरीज के किसी भी अंग को उनके परिजनों की इजाजत पर दूसरे मरीज में ट्रांसप्लांट किया जाता है इसे केडेवर ट्रांसप्लांट कहते हैं। केडेवर ट्रांसप्लांट देश में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात में किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में फिलहाल इसकी शुरुआत नहीं हुई है। इसे लेकर प्रयास कई वर्षों से जारी हैं। यदि केडेवर ट्रांसप्लांट छत्तीसगढ़ में भी शुरू होता है तो यहां के सैकड़ों मरीजों को इसका लाभ होगा। बता दें कि प्रदेश में सैकड़ों ब्रेन डेड मरीज मौजूद है, जिनके कई अंग ट्रांसप्लांट करने योग्य है।

मृतक के अंगदान की प्रक्रिया शुरू करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में ये कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

डॉ श्रीकांत राजिमवाले, राज्य नोडल अधिकारी मानव अंग प्रत्यारोपण