भिलाई। शहर के अस्पताल में Corona patient death मामले को लेकर विवाद खड़ा हो गया। मृतक मरीज के परिजनों ने बिल को लेकर जमकर हंगामा किया। बता दें कि Chhattisgarh के भिलाई बीएसआर हाईटेक अस्पताल में Corona मरीजों से बिल का विवाद थम नहीं रहा है। पहले 15 मरीजों से अधिक बिल लेने के मामले में कलेक्टर ने इस अस्पताल प्रबंधन पर 40 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही ज्यादा ली गई साढ़े पांच लाख रुपए से अधिक राशि लौटाने का आदेश दिया है।

रविवार को संतराबाड़ी निवासी 53 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव को यहां दाखिल किया गया था। मरीज ने शनिवार देर शाम करीब 7.30 बजे दम तोड़ दिया। परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन के बिल में रविवार की सुबह तक दवा दिया जाता रहा। वे जानना चाहते हैं कि जिसकी मौत रात में हो गई अस्पताल प्रबंधन उसे दूसरे दिन सुबह तक किस तरह से दवा दे रहा था। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि शव को बकाया बिल लेने के लिए रोककर रखा गया है। इधर दोनों ही आरोप को अस्पताल प्रबंधन ने खारिज किया है।

पहले कहा दूसरे अस्पताल ले जाओ, फिर कहा हो गई मौत

परिजनों के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन ने शनिवार को शाम को कहा कि Corona मरीज की हालत खराब है, दूसरे अस्पताल ले जाओ। वे रायपुर एम्स वगैरह को लेकर चर्चा भी कर रहे थे। इसके कुछ देर बाद बताया गया कि मरीज की मौत हो गई। इसके बाद शव को मॉर्चरी में रखवा दिया गया। मृतक के परिजन सुबह 7 बजे शव लेने बीएसआर हाईटेक अस्पताल पहुंचे तो इलाज का बिल देखकर भड़क गए। उनका कहना है कि बिल में रविवार को सुबह दवा देने का बिल जुड़ा हुआ है। उनका कहना है कि दवा के साथ बिल कंप्यूटर से तुरंत निकलता है। पहले दवा दे दिए और दूसरे दिन बिल बना रहे हैं इस पर कैसे भरोसा किया जा सकता है। हर दिन बिल में उस दिन की तरीख अंकित रहता है।

अस्पताल प्रबंधन ने कहा- शव को रोककर नहीं रखा

Corona patient death मामले में परिवार का कहना था कि अस्पताल में दाखिल कराते समय करीब 80 हजार जमा करवाया गया। अब प्रबंधन ने उन पर करीब 1,33,000 रुपए का बकाया निकाला है। बकाया राशि के लिए शव को रोककर रखा गया है। अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि शव को रोककर नहीं रखा है बल्कि शासन के नियमानुसार Corona जांच करवाने के लिए जिला अस्पताल को सूचना दी गई है। वहां से टीम आएगी, इसके बाद ही शव नगर पालिक निगम के शव वाहन सौंपा जाएगा। इसके बाद दोपहर 2 बजे के बाद जिला अस्पताल से टीम पहुंची। शव से कोविड-19 जांच के लिए नमूना लेकर टीम रवाना हुई।

Corona patient death मामले में प्रबंधन का कहना है कि दवा रात में दी गई थी। जिसका बिल रविवार की सुबह बनाया गया। वह भी महज 750 रुपए के आसपास का था। शव का Corona जांच किया जाना था, इस वजह से परिजनों को सौंपा नहीं गया। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर शासन के नियम के तहत निगम को सौंपा जाएगा। अपर कलेक्टर बीबी पंचभाई ने बताया कि बिल को लेकर परिजन संतुष्ट नहीं थे। हॉस्पिटल प्रबंधन और परिजन के मध्य चर्चा के बाद मामले में निराकरण किया गया।

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