जारी रहेगा किसान आंदोलन, 26 को देशव्यापी आंदोलन, एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की उठी मांग
जारी रहेगा किसान आंदोलन, 26 को देशव्यापी आंदोलन, एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की उठी मांग

रायपुर। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान संघर्ष समिति ने पार्लियामेंट से कृषि कानून वापस होने तक अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। साथ ही स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने का कानून बनाने और बिजली कानून में प्रस्तावित संशोधन वापस लेने की मांग भी उठने लगी है।

700 किसानों की शहादत देकर चुकाई कीमत

किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने TRP NEWS से दूरभाष पर चर्चा करते हुए कहा कि मैं बार-बार कह रहा था कि किसी एक दिन प्रधानमंत्री तीनों कृषि कानूनों की वापसी का राष्ट्र के नाम संदेश जारी करने को मजबूर हो जाएंगे। वह दिन आज आ गया, लेकिन इसकी बड़ी कीमत संयुक्त किसान मोर्चा ने 700 किसानों की शहादत देकर चुकायी है।

डॉ सुनीलम ने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है तथा जिन किसानों के लिए सरकार ने कानून बनाने का दावा किया था, वे किसान 357 दिन से विरोध कर रहे थे। आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा। डॉ सुनीलम ने कहा कि अडानी – अंबानी को यह समझ लेना चाहिए कि देश में उनकी बपौती नहीं है तथा कोई भी सरकार देश को पूंजीपतियों को सौंपने की हैसियत नहीं रखती।

अभी MSP की गारंटी समेत कई मांगें हैं बाकी

डॉ सुनीलम ने कहा कि किसानों के सामने तीन कृषि कानून वापसी के बाद एमएसपी की कानूनी गारंटी पाने और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी के साथ-साथ बिजली संशोधन बिल वापस कराने की किसानों की अहम मांगें अभी बाकी है। जिसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा अपनी रणनीति शीघ्र ही तय करेगा।

किसान सभा ने निकाला जुलूस

संयुक्त किसान मोर्चा और किसान संघर्ष समिति से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने केंद्र सरकार द्वारा काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा का स्वागत किया, लेकिन वापसी के लिए संसदीय प्रक्रिया के पूर्ण होने तक आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री द्वारा किसान विरोधी काले कानून की वापसी की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ किसान सभा की कोरबा जिला समिति द्वारा कुसमुंडा के कबीर चौक में जुलूस निकाला गया और मडवाढोढा में किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने मांदर बजा कर किसानों की पहली जीत पर खुशी मनाई।

किसान आंदोलन को मिला बल

छत्तीसगढ़ किसान सभा के सचिव प्रशांत झा ने इस मौके पर कहा कि 26 नवम्बर को प्रस्तावित देशव्यापी आंदोलन को कानून वापसी की घोषणा से और बल मिला है। छत्तीसगढ़ में अब किसान आंदोलन और ज्यादा मजबूती से स्थापित होगी। संयुक्त किसान आंदोलन द्वारा किसान विरोधी कानून की वापसी के लिए शुरू किये गए आंदोलन में छत्तीसगढ़ किसान सभा की कोरबा जिला समिति से जुड़े कार्यकर्ता शुरू से शामिल रहे और देशव्यापी आंदोलन के तहत किये गए भारत बंद, चक्काजाम, कानून की प्रतियां जलाने और रेल चक्काजाम तक के आंदोलन में भाग लेते रहे। कानून वापसी के बाद किसान सभा ने जुलूस निकाल कर अपनी मांगों को बुलंद किया।


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