नई दिल्ली। भारतीय संस्कृति (Indian culture) में खान-पान को विशेष महत्व दिया गया है। हमारे यहां भोजन (Food) को अन्न देवता जैसा सम्मान दिया जाता है। शोधकर्ताओं ने अब इसका वैज्ञानिक आधार खोज निकाला है। वैज्ञानिकों (Scientists) का मानना है कि भारतीय भोजनों मे ऐसे कई गुण छिपे हैं, जो अनुवांशिक बीमारियों को भी मात दे सकते हैं। शोध में पश्चिमी देशों के प्रचलित फास्ड फूड से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।

भारतीय भोजन में गुणों का भंडार

जर्मनी की ल्यूबेक यूनिवर्सिटी में हुए शोध में पता चला है कि दाल-चावल जैसे साधारण भारतीय भोजन (Indian food) में गुणों का भंडार हैं। इन भारतीय भोजनों (Indian food) में कई बड़ी बीमारियों से लड़ने की क्षमता है। इतना ही नहीं ये भारतीय भोजन अनुवांशिक बीमारियों से लड़ने में बहुत कारगर हैं। गंभीर बीमारियों पर पड़ने वाले भारतीय भोजनों के असर को लेकर किया गया इस तरह का ये पहला शोध है।

अनुवांशिक बीमारियों के लिए केवल डीएनए की गड़बड़ी ही जिम्मेदार नहीं

शोधकर्ताओं के अनुसार गंभीर या अनुवांशिक बीमारियों के लिए केवल डीएनए (DNA) की गड़बड़ी ही जिम्मेदार नहीं है। हमारी भोजन शैली भी इसमें काफी अहम रोल रखती है। इसकी वजह से बीमारियां पैदा हो सकती हैं और उन पर लगाम भी लगाया जा सकता है। ल्यूबेक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रॉल्फ लुडविज के नेतृत्व में तीन वैज्ञानिकों द्वारा किया गया ये शोध नेचर मैग्जीन के ताजा अध्ययन में प्रकाशित हुआ। भारतीय भोजन पर शोध करने वाले रिसर्चर्स के दल में रूस के डॉ अर्तेम वोरोवयेव, इजरायल के डॉ यास्का शेजिन और भारत की डॉ तान्या गुप्ता शामिल थे।

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