छत्तीसगढ़ में टीके की किल्लत... अब सप्ताह में केवल चार ही दिन हो सकता है वैक्सीनेशन

टीआरपी डेस्क। कोरोना की दूसरी लहर के बीच अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने वैक्सिनेशन के लिए 50 बिलियन डॉलर यानी 36,42,97,25,00,000 रुपये की योजना प्रस्तुत की है। आईएमएफ (IMF) के अनुसार अगले साल के मध्य तक दुनियाभर में सभी लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए लगभग 50 बिलियन डॉलर यानी 3,64,297 करोड़ रुपये की आवश्यकता हो सकती है।

आईएमएफ ने इसके लिए एक निवेश कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा है, जिससे लगभग 9 ट्रिलियन डॉलर यानी 65,56,54,05,00,00,000 रुपये का ग्लोबल इकोनॉमिकल प्रोफिट यानी वैश्विक आर्थिक लाभ हो सकता है।

महामारी जल्दी खत्म होगी तो सुधरेगी ग्लोबल इकोनॉमी

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि जितनी जल्दी कोरोना महामारी का अंत होगा, उतनी जल्दी ग्लोबल इकोनॉमी में सुधार आएगा। तेजी से महामारी का अंत होगा तो आर्थिक गतिविधियों में भी उतनी ही तेजी से सुधार होगा। इसे बढ़ावा देकर वर्ष 2025 तक ग्लोबल इकोनॉमी में 9 ट्रिलियन डॉलर का फायदा पहुंचेगा।

100 फीसदी वैक्सिनेशन के लिए कहां से आएगा इतना पैसा?

50 बिलियन डॉलर के इस प्रस्ताव की कुल लागत में विभिन्न देशों की सरकारों के संसाधन, अनुदान, रियायती वित्तपोषण, अनुदान वगैरह शामिल होंगे। आईएमएफ ने कहा है कि इसमें से कम से कम 35 बिलियन डॉलर के अनुदान के लिए हमारे पास एक मजबूत आधार है। अच्छी खबर ये है कि G20 में शामिल देशों की सरकारों ने पहले ही 22 अरब डॉलर के अनुदान के अंतर को दूर करने के लिए रूपरेखा तैयार कर ली है।

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