चालू वित्तीय वर्ष में दूसरी बार कर्ज लेने आरबीआइ के दर पहुंची सरकार, इस बार किया हजार करोड़ के कर्ज का आवेदन

रायपुर। राज्य सरकार ने एकबार फिर से रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआइ) से कर्ज लेने के लिए आवेदन किया है। इस बार रकम हजार करोड़ की है। छत्तीसगढ़ के साथ ही 10 अन्य राज्यों ने भी कर्ज के लिए आवेदन किया है।

आरबीआइ ने वित्तीय संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित किया है। उनके प्रस्तावों के आधार पर 14 तारीख को कर्ज और ब्याज दरों का निर्धारण होगा। चालू वित्तीय वर्ष में यह दूसरा मौका है जब सरकार आइबीआइ के माध्यम से कर्ज लेने जा रही है। इस बार भी सरकार सात वर्ष के लिए यह कर्ज ले रही है।

बता दें कि इससे पहले सरकार ने जुलाई में हजार करोड़ का उधार लिया था। वित्त विभाग के अफसरों के अनुसार इस कर्ज का उपयोग विकास कार्यों के साथ रोजमर्रा के खर्च में किया जाएगा। कोरोना की वजह से राज्य का राजस्व प्रभावित हुआ है। वहीं, केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि भी नहीं मिल पा रही है। इस वजह से राज्य को कर्ज लेना पड़ रहा है।

अब 70 हजार करोड़ के पार पहुंचा कर्जभार

राज्य सरकार पर कर्ज का भार 70 हजार करोड़ से अधिक हो गया है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान एक लिखित जवाब में सरकार की तरफ से बताया गया था कि दिसंबर 2018 में जब कांग्रेस की सरकार ने सत्ता संभाला था। तब सरकार पर 41 हजार 239 करोड़ का कर्ज था।

हर महीने चुकाना पड़ता है 360 करोड़ से अधिक ब्याज 

राज्य सरकार हर महीने करीब 360 करोड़ रुपये से अधिक ब्याज चुका रही है। पिछली बार 5,996 करोड़ कर्ज का ब्याज भरने और 4,841 करोड़ रुपये मूलधन की रकम अदा करने के लिए बजट में प्रविधान किया गया था। जुलाई में पेश किए गए चालू वित्तीय वर्ष के पहले अनुपूरक बजट में सरकार ने 105 करोड़ का प्रविधान किया है।

इन राज्यों ने भी लगाया आवेदन

आंध्र प्रदेश एक हजार करोड़, असम छह सौ करोड़, गोवा सौ करोड़, झारखंड पांच सौ करोड़, मध्य प्रदेश दो हजार करोड़, महाराष्ट्र चार हजार करोड़, मणिपुर 147 करोड़, पंजाब हजार करोड़, उत्तर प्रदेश 2500 करोड़ और बंगाल हजार करोड़ रुपये।

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