हाथियों को खिलाने के लिए मार्कफेड से धान खरीदेगा वन विभाग, गांवों के बाहर लगाया जाएगा ढेर
हाथियों को खिलाने के लिए मार्कफेड से धान खरीदेगा वन विभाग, गांवों के बाहर लगाया जाएगा ढेर

रायपुर। संग्रहण केंद्रों में सड़ रहे धान मार्कफेड का सिरदर्द बन गया है। इसे देखते हुए सहकारी विपणन महासंघ ने फैसला लिया है कि राज्य सरकार हाथियों को खिलाने के लिए धान खरीदेगी। वन विभाग प्रभावित गांवों के बाहर धान का ढेर रखवाएगा।

इससे भोजन की तलाश में निकले गजराज के दल को गांव के बाहर ही भरपेट भोजन मिल जाएगा और धान भी खराब होने से बच जाएगा। यह खरीदी छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन महासंघ (Markfed) से की जानी है।

धान खरीदी का इन 9 जिलों को मिला प्रस्ताव

वन विभाग ने फिलहाल प्रदेश के सबसे ज्यादा प्रभावित 9 जिलों सूरजपुर, काेरबा, रायगढ़, सरगुजा, महासमुंद, गरियाबंद, बालोद, कांकेर और धमतरी जिलों के लिए बड़े स्तर पर धान खरीदी का प्रस्ताव दिया है।

इस सम्बन्ध में सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि वन विभाग मार्कफेड से धान खरीदकर उसे जंगली हाथियों के मूवमेंट वाले क्षेत्रों में रखेगा। उन्होंने कहा कि अक्सर देखा गया है कि हाथी ग्रामीणों का घर तोड़कर धान और चावल खा जाते हैं। वन विभाग की और पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने पिछले महीने खरीदी दर पर धान खरीदने का प्रस्ताव भेजा था। इस खरीदी प्रस्ताव पर मार्कफेड ने सहमति की मुहर लगा दी है। यह धान 2019-20 में खरीदा गया धान होगा।

2095.83 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदा जाएगा धान

वन विभाग के प्रस्ताव पर मार्कफेड ने 2095. 83 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से धान की कीमत लगाई है। यह खरीदी सीधे धान संग्रहण केंद्रों से की जानी है। मार्कफेड ने वन विभाग को कहा है, रायपुर जिले के संग्रहण केंद्र जौंदा, महासमुंद जिले के पिथौरा, बिलासपुर के मोपका और सेमरताल तथा सूरजपुर जिले के देवनगर व लोधिमा केंद्रों से धान उठाया जा सकता है।

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