विभाग में हुई गड़बड़ी के खिलाफ अफसर की गांधीगिरी, कार्रवाई की मांग को लेकर घर पर ही बैठे अनशन पर
विभाग में हुई गड़बड़ी के खिलाफ अफसर की गांधीगिरी, कार्रवाई की मांग को लेकर घर पर ही बैठे अनशन पर

महासमुंद। महिला एवं बाल विकास विभाग में मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना और रेडी टू ईट योजना में करीब 30 लाख रुपए की गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले ने आज से अपने घर पर ही अनशन शुुरु कर दिया है। बोदले ने अपने ही समकक्ष अधिकारी के खिलाफ गड़बड़ी की शिकायत की है।

ईमानदार अधिकारी के रूप में है पहचान

अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे अधिकारी सुधाकर बोदले की छवि एक ईमानदार शासकीय सेवक के रूप में है। उन्होंने बताया कि मामले में जांच प्रतिवेदन जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों को सौपें जाने के बाद भी जब कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होने अनशन करने का फैसला लिया। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन से स्थल और अनशन की अनुमति के लिए पत्र लिखकर मांग की लेकिन प्रशासन से जब जवाब नहीं मिला तो वह घर पर ही अनशन पर बैठ गए।

खरीदी की गई सामग्री व रेडी टृू ईट को अनशन स्थल पर रखा

सुधाकर बोदले ने अनशन स्थल पर विभाग द्वारा मुख्यमंत्री विवाह कन्या दान योजना अंतर्गत हितग्राहियों के लिए उनके कार्यकाल में खरीदी की गई सामग्री के साथ पिछले दो वर्ष से खरीदी की जा रही सामग्री को अनशन स्थल में गुणवत्ता दिखाने के लिए रखा है। इसके अलावा जांच के दौरान हितग्राहियों को वितरण किए गए रेडी टू ईट को भी उन्होने रखा है , बोदले ने बताया कि विवाह योजना के लिए जो सामान खरीदे गए हैं उसकी कीमत 12 हजार रुपए बताई गई है। जबकि बाजार में उक्त सामग्री की कीमत करीब 7 हजार रुपए है, जिसका मुल्याकन उन्होने स्वयं जांच के दौरान किया है। उन्होने बताया कि कन्यादान योजना में 20 लाख रुपए की गड़बड़ी जांच में सामने आई है।

15 सेक्टरों में बांटे गए रेडी टू ईट में 11 के गुणवत्ता विहिन

सुधाकर बोदले ने बताया कि महासमुुंद ब्लॉक के 15 सेक्टरों में हितग्राहियों को वितरित किए गए रेडी टू ईट में 11 सेक्टरों में रेडी टू ईट गुणवत्ता विहिन पाई गई। उनका कहना है कि रेडी टू ईट में जिस तरह की सामग्री की गुणवत्ता होनी चाहिए है वह नहीं है। इसमें सोया, चना की जगह गेहूं की मात्रा अधिक है। हितग्राहियों से गुणवत्ता वाले और गुणवत्ता विहिन सामग्री का स्वाद चखाकर परीक्षण किया गया है। रेडी टू ईट में करीब 10 लाख रुपए की गड़बड़ी जांच में पाई गई है।

जांच के बाद भी कार्रवाई नहीं है

मामले में जांच कर प्रतिवेदन जिला प्रशासन और उच्चाधिकारियों को सौंपने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई है। जिसकी वजह से उन्हें अनशन पर बैठना पड़ा है। आज अवकाश है इसलिए घर पर पूरे दिन और कार्यालयीन दिनों में वे कार्य सम्पन्न करने से पूर्व सुबह 8 से 10 व शाम को 5 से 8 बजे तक प्रतिदिन घर पर ही अनशन करेगें।

दरअसल यह पूरा मामला सुधाकर बोदले के समकक्ष अधिकारी से जुड़ा हुआ है जिनका नाम लिए बिना वह सीधे विभाग पर आरोप लगा रहे हैं। महासमुंद में विवाह योजना के लिए खरीदी गयी सामग्री वह नहीं है जिसे क्रय समिति ने तय किया था। ऐसा करके लाखों के वेयर न्यारे कर दिए गए। बहरहाल देखना यह है कि गांधीगिरी करते हुए किये गए इस आंदोलन के बाद विभाग के उच्चाधिकारी क्या कदम उठाते हैं।

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