• स्कूलों में घटिया सोया बड़ी की सप्लाई, बीज निगम की पार्टनर कंपनी बना रही है घटिया बड़ी

रायपुर। सरकारी स्कूलों में एक कंपनी द्वारा बीज निगम के माध्यम से घटिया स्तर की सोया बड़ी की सप्लाई करने का मामला सामने आया है। ताजा मामला कोरबा से आया है। कोरबा जिले में जिन महिला समूहों द्वारा स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बांटा जाता है उनके ही माध्यम से स्कूलों के बच्चों को सूखा राशन बंटवाया गया। इसमें सोया बड़ी के पैकेट भी थे, लेकिन अधिकांश घरों से बड़ी के पैकेट वापस आ गए। बताया गया कि बड़ी में फफूंद लगे हुए हैं और बड़ी का रंग काला हो गया है।

खबर लगते ही अफरा-तफरी मच गई

खराब बड़ी की सप्लाई की खबर लगते ही अफरा-तफरी मच गई।टीआरपी न्यूज़ ने इस मामले की छानबीन की तो पता चला कि यह कंपनी कोई और नहीं बल्कि बीज निगम की ही पार्टनर है जो बीते कई सालों से पीपीपी मोड पर बीज निगम के माध्यम से शासकीय विभागों को सोया बड़ी की सप्लाई कर रही है। अब जब घटिया बड़ी की आपूर्ति का मामला सामने आया है तब बीज निगम के अधिकारी कंपनी पर कर्रवाई करने की बजाय बड़ी वापस मंगाकर उसे बदल कर देने के लिए कह रहे हैं।

सोया बड़ी बीज निगम के माध्यम से जिलों में भेजा जाता है

राज्य सरकार द्वारा कोरोना काल में सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के रूप में बच्चों को सूखा राशन दिया जा रहा है। इसमें चावल, दाल, नमक, तेल के अलावा सोया बड़ी भी दी जा रही है। सोया बड़ी बीज निगम के माध्यम से जिलों में भेजा जाता है। इसके पहले शिक्षा अधिकारियों को बीज निगम के जिला प्रबंधक द्वारा पत्र लिख कर बताया गया कि संचालनालय से मिले आदेश के मुताबिक स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के सूखा राशन में सोया बड़ी भी दी जाए। इसके लिए बड़ी की मांग और वितरण संबंधी आदेश मंगा कर सोया बड़ी की आपूर्ति जिलों में की गई।

बड़ी को पानी से धोया तो वह तुरंत गल गई 

एक महिला समूह की संचालिका इंदू सिंह ने बताया कि बड़ी मात्रा में पैकेट वापस आ गए हैं। इसकी सूचना अधिकारियों को दे दी गई है। इंदू सिंह के मुताबिक लोगों ने जब घरों में भोजन बनाने के लिए बड़ी को पानी से धोया तो वह तुरंत गल गया। कोरबा जिले के स्कूलों में घटिया सोया बड़ी की सप्लाई की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी तक भी पहुंची जिसके बाद उन्होंने बीज निगम के अधिकारियों से संपर्क किया। जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडे ने बताया कि सभी स्कूलों में सूचना भेज दी गई है कि बड़ी की सप्लाई रोक दी जाए और उसे वापस किया जाए। सतीश पांडे ने बताया कि बीज निगम वालों ने बड़ी वापस कर बदले में दूसरी बड़ी देने की बात कही है।

94 रुपए प्रति किलो बड़ी की कीमत दी जा रही

जब रायपुर में बीज निगम के जिला प्रबंधक केएन पाणिग्रही से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कोरबा जिले में सीजी फर्मेंटेड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सोया बड़ी की सप्लाई की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि रेट कॉन्ट्रैक्ट के तहत सीजी फर्मेंटेड को 94 रुपए प्रति किलो बड़ी की कीमत दी जा रही है।

बीज निगम की पार्टनर निकली कंपनी

बता दें कि सोया बड़ी की सप्लाई करने वाली कंपनी सीजी फर्मेंटेड प्राइवेट लिमिटेड की मदर कंपनी लक्ष्य नेचुरल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड है और यह कंपनी बीज निगम की पार्टनर है, याने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत लक्ष्य नेचुरल, छत्तीसगढ़ राज्य बीज निगम एवं सिटकॉन की आपस में साझेदारी है और बीज निगम द्वारा लक्ष्य नेचुरल को मार्केटिंग में मदद दी जा रही है।

मदद के नाम पर चल रहा है खेल…!!

लक्ष्य नेचुरल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड सन 2012 से बीज निगम की पार्टनर कंपनी है, और इनके बीच अनुबंध है कि कंपनी सोया मिल्क और मल्टी ग्रेन का उत्पादन करेगी और बीज निगम उसकी मार्केटिंग में मदद करेगी। राज्य में बीज निगम के माध्यम से ही बीज और इससे संबंधित अन्य सामग्रियों की आपूर्ति सरकारी विभागों में की जाती है। इसके लिए बीज निगम कंपनियों से सामग्रियों की दर मांगता है और न्यूनतम दर के आधार पर रेट कॉन्ट्रैक्ट करता है। चूंकि लक्ष्य नेचुरल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड बीज निगम की पार्टनर कंपनी है, तो स्वाभाविक है कि बीज निगम इस कंपनी को पिछली खिड़की से सपोर्ट करेगी। यहां ऐसा होता नजर भी आ रहा है, क्योंकि स्कूलों में घटिया सोया बड़ी की आपूर्ति के मामले में कंपनी पर कर्रवाई करने की बजाय उसे बख्शा जा रहा है। मामले की जांच तो दूर, केवल घटिया बड़ी को वापस करके उसके बदले में दूसरी सोया बड़ी देने को कहा जा रहा है।

कंपनी के बचाव में लगे अधिकारी

बीज निगम के महाप्रबंधक एसआर रात्रे से जब इस संबंध में बात की गई उन्होंने मामले को बड़े ही हल्के से लेते हुए कहा कि ऐसा कई बार होता है कि नमी के चलते कोई भी पैक्ड खाद्य पदार्थ खराब हो जाता है। अगर ऐसा हुआ है तो सामान बदल कर दे दिया जाएगा। उन्होंने सोया बड़ी बनाने वाली कंपनी के बारे में अनभिज्ञता जताई , जबकि संबंधित कंपनी बीज निगम की पार्टनर है। उनकी बातों से साफ झलक रहा था कि वे कंपनी का बचाव कर रहे हैं।

पहले भी बाँट चुके हैं घटिया सोया मिल्क

छत्तीसगढ़ राज्य में भाजपा के शासनकाल में मीठे और स्वादिष्ट दूध के नाम पर सोया मिल्क बांटने की शुरुआत की गई थी । सरकार ने बढ़ चढ़कर इस योजना का प्रचार-प्रसार भी किया, मगर बाद में दूध घटिया निकला और कई स्थानों पर तो दूध पीने से बच्चे बीमार पड़े और कीड़े लगे हुए खराब दूध पाए गए । इसके बाद यह योजना बंद करनी पड़ी। इन सबके बावजूद बीज निगम निगम ने संबंधित कंपनी से अनुबंध को अब तक नहीं तोड़ा है।

जबकि कार्रवाई का है प्रावधान

बीज निगम और लक्ष्य नेचुरल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच में जो अनुबंध हुआ है, उसमें इस बात का प्रावधान है कि अगर कंपनी द्वारा प्रोडक्ट की गुणवत्ता से खिलवाड़ किया जाता है अथवा कोई भी गड़बड़ी की जाती है तो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। मगर अब तक ऐसी किसी कार्रवाई की जानकारी नहीं मिली है।

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