नई दिल्ली। तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस को रोकने के लिए सभी को वैक्सीन का इंतजार है, वही कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन तैयार करने के लिए वैज्ञानिक भी जोरो से जुटे हुए है। पुणे आधारित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ( Serum Institute of India ) अमरीकी बायोटेक कंपनी कोडाजेनिक्स की संभावित कोरोना रोधी वैक्सीन भी तैयार कर रही है। कोडाजेनिक्स की वैक्सीन का जानवरों पर ट्रायल पूरा हो चुका है। इंसानों पर नासल आधारित इस टीके का परीक्षण दिसंबर से ब्रिटेन में शुरू किया जाएगा।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. रॉबर्ट कोलमन की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई है। अमरीकी बायोटेक कंपनी की वैक्सीन को सीडीएक्स-005 ( CDX-005 ) नाम दिया गया है। कोविड वैक्सीन ( Corona Vaccine ) की दौड़ में शामिल दुनिया की तमाम कंपनियों से कोडाजेनिक्स की वैक्सीन का फॉर्मूला अलग है। यह नासल वैक्सीन है, जो टीके के रूप में नहीं बल्कि ड्रॉप के रूप में लोगों को दिया जाएगा।

वैक्सीन बनाने के लिए कोडाजेनिक्स ने सीरम के साथ हाथ मिलाया है। विदित हो कि सीरम भारत में ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ( Oxford University, Britain ) का कोरोना रोधी टीका भी बना रही है। ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनका के साथ करार के तहत ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल भी यह कंपनी भारत में कर रही है। अमरीकी कंपनी कोडाजेनिक्स की संभावित कोरोना रोधी वैक्सीन दौड़ में शामिल बाकी कंपनियों के फॉर्मूले से अलग है।

कोडाजेनिक्स और सीरम मिल कर ‘लाइव एटेनुएटेड‘ ( जिंदा वायरस कमजोर कर लैब में वैक्सीन बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है ) टीका बनाएंगी। कमजोर होने के चलते कोरोना वायरस लोगों को नुकसान नहीं पहुंचा सकता।

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