सरकारी स्कूल ड्रेस
बाबू के निर्माणाधीन मकान में मिले सरकारी स्कूल ड्रेस

कोरबा। यहां के शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की खबरें लगातार आ रहीं हैं। ताजा मामला कोरबा ब्लॉक का है, जहां के खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में पदस्थ बाबू के ग्राम दादर स्थित निर्माणाधीन मकान में भारी मात्रा में स्कूल ड्रेस, किताबें और अन्य सामग्रियां देखने को मिलीं। यह मामला मिडिया में आने के बाद स्कूल ड्रेस ग्राम नकटीखार के पास से होकर गुजरने वाले नाले में बहते हुए मिले। कहा जा रहा है कि मामला खुलने के बाद बाबू ने ड्रेस नाले में फिंकवा दिए।

बाबू के मकान में ये सामग्रियां मिलीं

BEO कोरबा के कार्यालय में पदस्थ बाबू धीरज आर्य के ग्राम दादर में स्थित मकान का निर्माण चल रहा है. इसी मकान में सैकड़ों की तादात में गणवेश में मिले। गणवेश के अलावा स्कूल शिक्षा विभाग की किताबें, प्राइमरी और मिडिल स्कूल में बच्चों को बैठने के लिए प्रदान की जाने वाली टाटपट्टी, स्कूलों में चावल रखने के लिए कुछ समय पहले विभाग द्वारा खरीदे हए स्टील के डिब्बे भी रखे हुए थे।

अगले दिन नाले में मिले स्कूल ड्रेस

इस मामले में बाबू धीरज आर्य ने मिडिया प्रतिनिधियों से कहा कि उसे नहीं पता कि स्कुल की सामग्रियां उसके निर्माणाधीन मकान में कैसे पहुंची। इस बीच मामला प्रकाश में आने पर इसकी जाँच शुरू कर दी गई, मगर विभाग के अधिकारी जब तक बाबू के मकान पर पहुँचते, बड़ी मात्रा में स्कुल ड्रेस नाले में बहा दिए जाने की खबर पहुँच गई। ग्रामीणों ने देखा कि ड्रेस नाले में इधर उधर बह रहे हैं।

मौके पर पहुंची जाँच टीम

नाले में स्कूल ड्रेस बहाये जाने की खबर पर BEO संजय अग्रवाल के नेतृत्व में पूरी जाँच यहाँ पहुंची। संजय अग्रवाल ने दूरभाष पर बताया कि स्कूल ड्रेस सरकारी ही नजर आ रहे हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि टीम इससे पहले बाबू धीरज आर्य के मकान पर भी गई थी, मगर वहां पर कुछ भी नहीं मिला। संभव है कि बाबू ने कार्रवाई के डर से स्कुल ड्रेस यहां फिंकवा दिया हो।

 

पिछले वर्ष बंट गए थे पूरे ड्रेस : BEO

कोरबा ब्लॉक के BEO संजय अग्रवाल का कहना है कि पहली से आठवीं तक के सरकारी स्कूल के बच्चों के स्कूल ड्रेस सीधे संकुल शालाओं में भिजवा दिए जाते हैं, पिछले वर्ष सारे बच्चो को स्कूल ड्रेस बाँट दिए गए हैं. ऐसे में ये ड्रेस कहां के हैं, ये जाँच का विषय है। उन्होंने बताया बाबू धीरज आर्य मूलतः शिक्षाकर्मी वर्ग 3 है और यहाँ वह स्टोर का इंचार्ज था, कल मामले की जानकारी जैसे ही मिली, उसे स्टोर के प्रभार से हटा दिया गया है। BEO ने यह भी बताया कि उनके कार्यालय के गोदाम में स्कूल ड्रेस नहीं रखे जाते हैं।

शरारती तत्वों की करतूत : DEO

कोरबा जिले के DEO को इस मामले में शरारती तत्वों की करतूत नजर आ रही है। उनका कहना है कि स्कुल ड्रेस बचे हुए स्टॉक के हो सकते हैं, मगर ये बाजार में बिक नहीं सकते, ऐसे में किसने ऐसा किया, यह जाँच का विषय है। बाबू के निवास पर किताबे और टाटपट्टिया भी मिली थी, इस सवाल पर DEO ने कहा कि सब कुछ जाँच में उजागर हो जायेगा। इस मामले में स्टॉक रजिस्टर का भी वेरिफिकेशन किया जायेगा, और जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

स्कूल शिक्षा विभाग में इस तरह की गड़बड़ियां हर साल पकड़ में आती हैं, मगर जाँच के नाम पर हर बार लीपापोती कर दी जाती है। देखना यह है कि इस मामले में बाबू के अलावा और भी कोई दोषी जाँच टीम के हाथ लगता है या नहीं।

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