सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद अब एडीजी जीपी सिंह पहुंचे ईओडब्ल्यू के ऑफिस

रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस के निलंबित ADG जीपी सिंह भ्रष्टाचार और राजद्रोह के केस में घिरे हुए हैं। इन पर अब एक और केस दर्ज किया गया है। यह केस भिलाई के स्मृति नगर चौकी में दर्ज किया गया है। भिलाई के ही रहने वाले एक कारोबारी ने दावा किया है कि उन्हें झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर निलंबित ADG जीपी सिंह ने 1 करोड़ रुपए मांगे थे। घबराकर कारोबारी ने उन्हें 20 लाख रुपए तक दे दिए थे।

दूसरे व्यक्ति के साथ पैसों का लेनदेन

यह मामला साल 2015-16 का बताया जा रहा है पुलिस के पास पहुंचे कारोबारी की शिकायत के आधार पर झूठे केस में फंसाने की धमकी की वजह से आईपीसी की धारा 388 और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। इसकी अलग से जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर पुलिस अपने ही निलंबित ADG के खिलाफ एक्शन लेगी। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कारोबारी का किसी दूसरे व्यक्ति के साथ पैसों का लेनदेन था। इसी विवाद में जीपी सिंह ने एक तरफा कार्रवाई की और शिकायतकर्ता से 1 करोड रुपए वसूलने की कोशिश की थी। मगर तब बात नहीं बनी और 20 लाख लेकर केस को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

पुराने मामले भी खुलते जा रहे

देवेंद्र नगर में रहने वाले दुर्लभ कुमार अग्रवाल नाम के युवक ने 2013 में शिकायत की थी कि तब रायपुर के SP रहे ओपी पाल और DSP अर्चना झा ने उसके साथ मारपीट की थी। इस केस को बिना जांच के जीपी सिंह ने रफादफा कर दिया था। इस घटना की जांच स्पेशल डीजी अशोक जुनेजा करेंगे।

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2016 में जीपी सिंह दुर्ग आईजी थे तो नक्सली लीडर पहाड़ सिंह ने सरेंडर किया था। ACB की छापेमारी में ये पता चला कि पहाड़ सिंह से करोड़ों रुपयों का हिसाब-किताब मिला था। चर्चा है कि पहाड़ सिंह के पास मिले रुपयों को कुछ कारोबारियों के पास रखा गया था जीपी सिंह ने उन कारोबारियों से रुपए लेकर उन्हें डराया था। इस मामले में छानबीन मौजूदा दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा करेंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता मनजीत कौर बल की भी एक शिकायत है। उनके मुताबिक कुछ आपराधिक मामलों में आरोपी कमलाकांत तिवारी को बचाने की कोशिश जीपी सिंह ने की थी। रायपुर रेंज के आईजी आनंद छाबड़ा इस केस की तहकीकात करेंगे।

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