नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की 40वीं बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अहम जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर को लेकर निर्णय करने वाली शीर्ष संस्था जीएसटी काउंसिल ने कोविड-19 के प्रभावों को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रह को प्रभावित करने वाले इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई।

सीतारमण ने कहा कि छोटी कंपनियों के लिए विलंब से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर ब्याज को घटाकर आधा कर दिया है। ऐसी कंपनियों को लेट से जीएसटी फाइल करने पर नौ फीसद की दर से ब्याज देना होगा। छोटी कंपनियों को मई से जुलाई के बीच जीएसटी रिटर्न दाखिल करते समय किसी तरह का विलंब शुल्क नहीं देना होगा। जीएसटी काउंसिल क्षतिपूर्ति सेस को लेकर जुलाई में चर्चा करेगी। इसके अलावा एक जुलाई, 2020 से 31 सितंबर, 2020 के बीच रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए यह लागू होगा।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में जुलाई 2017 से जनवरी 2020 की अवधि के GSTR-3B के लिए विलंब शुल्क में कमी की गई है। जिन पर किसी तरह की कर जवाबदेही नहीं है, उन्हें किसी तरह का विलंब शुल्क देने की जरूरत नहीं होगी। GSTR-3B को लेट से फाइल करने के अधिकतम शुल्क के लिए 500 रुपये की सीमा तय की गई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को अहम जानकारी देते हुए कहा कि जुलाई 2017 से लेकर जनवरी 2020 तक के बहुत सी रिटर्न फाइलिंग लंबित है। ऐसे में जिन लोगों की कोई कर जवाबदेही नहीं है लेकिन जिन्होंने रिटर्न नहीं भरा है, उनसे किसी तरह का विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा।

सीतारमण ने कहा कि परिषद ने इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को लेकर किसी भी तरह के फैसले को फिलहाल टाल दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि शुक्रवार की बैठक में जीएसटी दर में कटौती को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।सीतारमण ने कहा कि पिछले दो महीनों में अन्य महीनों की तुलना में 45 फीसद जीएसटी का संग्रह हुआ।

बता दें कि कम संग्रह और रिटर्न दाखिल करने की विस्तारित समय सीमा के साथ, सरकार ने अप्रैल और मई के महीनों के लिए मासिक जीएसटी राजस्व संग्रह के आंकड़े जारी नहीं किए हैं। मौजूदा समय में जीएसटी संरचना के तहत, 5, 12, 18 और 28 फीसद स्लैब के तहत कर लगाया जाता है। उच्चतम कर स्लैब के ऊपर, लक्जरी, और डीमेरिट गुड्स पर उपकर लगाया जाता है और उसी से प्राप्त आय का उपयोग राज्यों को किसी भी राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है।