रायपुर। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक हरेली का त्यौहार मनाने के लिए रविवार को लोक महापर्व हरेली मनाया गया इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास के एक हिस्से को ग्रामीण परिवेश का स्वरूप दिया गया। वही भूपेश बघेल ने अपने पुरे परिवार के साथ गोधन तथा कृषि यंत्रों की पूजा-अर्चना की साथ ही प्रदेश वासियों को नये साल के पहले त्यौहार की बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने परिजनों के साथ विधिवत रूप से ग्राम्य देवी-देवताओं, तुलसी माता, नांगर, खेती में काम आने वाले औजारों, गेड़ी और गौमाता की पूजा कर अच्छी फसल की कामना की। उन्होंने पूरे प्रदेशवासियों को हरेली पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री गेड़ी भी चढ़े और पर्व से जुड़ी परंपराओं का निर्वहन किया। गांव के घरों में जिस प्रकार पूजा की जाती है, उसकी झांकी तैयार की गई। छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों, लोक नर्तकों, लोक गायकों ने पारंपरिक वेशभूषा में वाद्य यंत्रों एवं साज सज्जा के साथ प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे, वनमंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिवकुमार डहरिया, विधायक मोहन मरकाम, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, राजेश तिवारी और प्रदीप शर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में आज परंपरागत रूप से छत्तीसगढ़ के पहले त्यौहार हरेली धूमधाम से मनाई गई। पूरी तरह ग्रामीण परिवेश में सजे-धजे मुख्यमंत्री निवास में हरेली पर चारों ओर छत्तीसगढ़ी संस्कृति की छटा दिखाई दी। आयोजन में मौजूद लोगों ने छत्तीसगढ़ी लोक संगीत, लोक नृत्य, पारंपरिक गड़वा बाजा, राऊत नाचा, गेड़ी नृत्य, खेल, रैचुली और व्यजंनों का आनंद लिया।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लोक नृत्य कलाकारों के साथ गेड़ी नृत्य कर उनका उत्साह बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने भौंरा और गिल्ली-डंडा में भी हाथ आजमाया। उन्होंने अपनी बेटी के साथ रैचुली का भी आनंद लिया।

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