इटली।  पूरी दुनिया कोरोना महामारी से लड़ने के लिए वैक्सीन बनने में जुटी हुई है। इसी बीच इटली ने सर्च रिज़ल्ट में बड़ा काम कर दिया है. कहा है कि कोरोना की वैक्सीन बना ली है। ऐसी वैक्सीन जो इंसानों पर काम करेगी। रोम के संक्रामक रोगों के हॉस्पिटल ‘स्पैलैंजानी’ में इसका परीक्षण किया गया। इंसानों पर इंसानों के पहले इस वैक्सीन का चूहों में परीक्षण किया गया। दावा है कि दोनों जगह सफलता मिली।

इस वैक्सीन को टैकिज बॉयोटेक ने विकसित किया है। टैकिज के CEO लुईगी ऑरिसिचियो ने इटैलियन न्यूज एजेंसी एएनएसए को बताया है, मतलब बड़े लेवल पर इंसानों में इसके प्रभाव की जांच की जाएगी। साथ वैज्ञानिक इटली की सरकार और देश दुनिया के बड़े निर्माताओं के सम्पर्क में हैं कि कैसे कोरोनावायरस की वैक्सीन का निर्माण बड़े स्तर पर शुरू किया जा सके।  

बता दें कि इटली दुनिया के कुछ उन देशों की फ़ेहरिस्त में है, जहां कोरोना की वजह से सबसे ज़्यादा मौतें हुई हैं. अब तक लगभग 30 हज़ार लोगों की मौत और 2 लाख से ज़्यादा लोग संक्रमित हैं।   कैसे बनाया गया इस वैक्सीन को? तरीक़ा लगभग वही जो आप लोगों को पता है। सबसे पहले चूहे में कोरोनावायरस को इंजेक्ट किया गया। चूहे के अंदर एंटीबॉडी बनी। एंटीबॉडी ने कोरोनावायरस को हरा दिया. इस ऐंटीबाडी को इंसानों के अंदर टेस्ट किया गया। सफलता मिल गयी। इतनी सफलता मिलने के बाद वैज्ञानिक इस बात का अध्ययन करेंगे कि इंसान के अंदर जो प्रतिरोधक क्षमता डिवेलप हुई है, वो कितने दिनों तक रहेगी।  

इस वैक्सीन का काम करने का तरीक़ा भी काफ़ी रोचक है। ख़बरें बता रही हैं कि वैक्सीन इलेक्ट्रोपोरेशन की टेक्नीक पर काम करती है. मतलब? सीधे सेल के अंदर जाकर इम्यून सिस्टम को काम पर लगा देती हैं। इटली में विकसित हुई वैक्सीन के साथ आक्स्फ़र्ड विश्वविद्यालय में ह्यूमन ट्रायल के फ़ेज़ में चल रही वैक्सीन की चर्चा सबसे तेज़ है। इस वैक्सीन के काम करने पर भी बहुत भरोसा वैज्ञानिकों ने जताया है. सितम्बर तक रिज़ल्ट आ जाएँगे। लेकिन उसके पहले ही मई में भारत में इस वैक्सीन का प्रडक्शन शुरू हो जाएगा, ऐसा कहा जा रहा है।  

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