भिलाई। महापौर और सत्ताधारी दल के विधायक देवेन्द्र यादव (Devendra Yadav) को हाईकोर्ट (High Court Bilaspur) से तगड़ा झटका लगा है। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने इस मामले पर कड़े शब्दों में टिप्पणी भई की है। कोर्ट का कहना है कि धार्मिक आयोजनों का राजनीतिकण नहीं होना चाहिए।

दरअसल यह मामला भिलाई निगम क्षेत्र के खुर्शीपार में दशहरा उत्सव का है। महापौर देवेन्द्र यादव (Mayor Devendra Yadav) पर आरोप है कि उन्होंने सत्ता के दम पर सालों पुरानी रावण दहन के लिए गठित समिति की मान्यता रद्द कर दी थी। इतना ही नहीं उन्होंने पुरानी समिति की जगह अपने समर्थकों की समिति को रावण दहन की इजाजत दे दी थी।

इस पूरे मामले में पुरानी समिति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस भादुरी की कोर्ट ने पुरानी समिति के पक्ष में फैसला देते हुए महापौर देवेन्द्र यादव को तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद स्पष्ट हो जाता है कि अब दशहरा उत्सव में रावण दहन पुरानी समिति करेगी। देवेंद्र यादव को समर्थकों की समिति रावण दहन नहीं कर सकेगी।

निकाली गई मौन रैली

वहीं रावण दहन मामले के लेकर खुर्सीपार के जोन-3 से अंडा चौक तक पूर्व मंत्री के बेटे मनीष पांडेय के नेतृत्व में मौन रैली निकाली गई। जिसमें पिछले 5 वर्षों से चले रहे सार्वजनिक दशहरा उत्सव को बंद कराने, राजनीतिक दबाव डालने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस सरकार और स्थानीय महापौर की सद्बुद्धि की कामना करते हुए अपने अधिकार के लिए लोगों का समर्थन मांगा गया। रैली के आरंभ से ही स्थानीय लोगों ने आस्था से जुड़े इस अहम विषय के खिलाफ हो रहे राजनीतिक षड्यंत्र का विरोध करते हुए अपना समर्थन दिया।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।