बिलासपुर। हाईकोर्ट ने पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ़ प्राथमिक जांच पर ईओडब्ल्यू को अगली सुनवाई तक किसी भी तरह की कार्यवाही करने पर रोक लगा दी है।

बता दें कि पापुनि के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ दो मामलों में कार्यवाही पर हाईकोर्ट ने पहले ही रोक लगा रखी है। अब अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ़ ईओडब्ल्यू की प्राथमिक जांच क्रमांक 54/2019 पर भी कार्यवाही से रोक लगा दी है।

जस्टिस संजय के अग्रवाल की एकल पीठ में हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि राज्य शासन ने पहले कार्यवाही करते हुए बाद में अनुमोदन लिया है, जो कि विधि विपरीत है तथा सिर्फ याचिकाकर्ता को झूठे मामलों में फंसाने के उद्देश्य से बिना विधिक नियमों के पालन किए बिना उपरोक्त मामले पंजीबद्ध किए हैं।

उपरोक्त समस्त कार्यवाहियां राज्य शाशन द्वारा पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर की जा रही हैं, क्योंकि अशोक चतुर्वेदी द्वारा अपनी प्रतिनियुक्ति आदेश पर माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष रीट याचिका क्रमांक 10035/2019 के माध्यम से स्थगन प्राप्त किया था।

जस्टिस संजय अग्रवाल के कोर्ट ने बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिसे अब से कुछ देर पहले सार्वजनिक किया गया है। याचिकाकर्ता अशोक चतुर्वेदी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आशुतोष पांडेय और भास्कर पयासी और एवी श्रीधर ने दलीलें रखीं।

हाईकोर्ट ने 29 जनवरी की तारीख राज्य सरकार से जवाब के लिए नियत की है। इस तरह अशोक चतुर्वेदी पर आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो एवं एन्टी करप्शन ब्यूरो के द्वारा दर्ज समस्त कार्यवाहियों पर रोक लगा दी गई है।

 

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