लोकतंत्र सूचकांक में 167 देशों में से दो स्थान नीचे फिसला भारत
लोकतंत्र सूचकांक में 167 देशों में से दो स्थान नीचे फिसला भारत

टीआरपी डेस्क। विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत लोकतंत्र सूचकांक ( Democracy Index ) में दो स्थान नीचे फिसल गया है। ‘2020 लोकतंत्र सूचकांक’ की वैश्विक रैंकिंग में भारत दो स्थान फिसलकर 53वें स्थान पर आ गया है। ‘द इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट’ ( The Economist Intelligence Unit ) ने कहा कि प्राधिकारियों के ‘लोकतांत्रिक मूल्यों से पीछा हटने’ और नागरिकों की स्वतंत्रता पर ‘कार्रवाई’ के कारण देश 2019 की तुलना में 2020 में दो स्थान फिसल गया. हालांकि भारत इस सूची में अपने अधिकतर पड़ोसी देशों से ऊपर है।

‘डेमोक्रेसी इन सिकनेस एंड इन हेल्थ?’ ( Democracy in sickness and in health ) शीर्षक वाले ईआईयू के ताजा लोकतंत्र सूचकांक ( Democracy Index ) में नॉर्वे को शीर्ष स्थान मिला। इस सूची में आइसलैंड, स्वीडन, न्यूजीलैंड और कनाडा शीर्ष पांच देशों में शामिल रहे। ईआईयू ने एक बयान में कहा कि एशिया और ऑस्ट्रेलिया क्षेत्र के देश न्यूजीलैंड का चौथा स्थान बरकरार है, लेकिन इस क्षेत्र का देश उत्तर कोरिया अंतिम 167वें स्थान पर बरकरार है। जापान, दक्षिण कोरिया और ताइवान 2019 की तुलना में सूची में ऊपर आ गए हैं। ऑस्ट्रेलिया का भी ‘पूर्ण लोकतंत्र’ का दर्जा बरकरार है।

ऑस्ट्रेलिया नौवें स्थान पर है, ईआईयू ने कहा कि इसके बावजूद एशिया के औसत क्षेत्रीय अंक में 2013 के बाद से सर्वाधिक गिरावट आई है। भारत को अमेरिका, फ्रांस, बेल्जियम और ब्राजील के साथ ‘त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र’ के तौर पर वर्गीकृत किया गया है। ईआईयू की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत और थाईलैंड की रैंकिंग में ‘प्राधिकारियों के लोकतांत्रिक मूल्यों से पीछे हटने और नागरिकों के अधिकारों पर कार्रवाई के कारण और गिरावट आई।’

ईआईयू ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ‘भारतीय नागरिकता की अवधारणा में धार्मिक तत्व को शामिल किया है और इसे कई आलोचक भारत के धर्मनिरपेक्ष आधार को कमजोर करने वाले कदम के तौर देखते हैं।’ रिपोर्ट में कहा गया, ‘कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से प्राधिकारियों से निपटने के तरीके के कारण 2020 में नागरिक अधिकारों का और दमन हुआ.’

लोकतंत्र सूचकांक ( Democracy Index ) में 167 देशों में से 23 देशों को पूर्ण लोकतंत्र, 52 देशों को त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र, 35 देशों को मिश्रित शासन और 57 देशों को सत्तावादी शासन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। श्रीलंका को त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र की श्रेणी में रखा गया है, जबकि बांग्लादेश, भूटान और पाकिस्तान ‘मिश्रित शासन’ के वर्ग में है। अफगानिस्तान 139वें स्थान पर है और उसे ‘सत्तावादी शासन’ के तौर पर वर्गीकृत किया गया है।

भारत को 2019 में 6.9 अंक मिले थे, जो इस साल घटकर 6.61 अंक रह गए हैं। ईआईयू ने कहा कि मौजूदा शासन में ‘लोकतांत्रिक मूल्यों से पीछे हटने के परिणामस्वरूप, भारत को 6.61 अंक मिले और उसकी वैश्विक रैंकिंग (2014 में) 27वें से गिरकर 53वीं हो गई है।’ भारत को 2014 में 7.92 अंक मिले थे, जो उसे अभी तक मिले सर्वाधिक अंक हैं।

भारत 2019 लोकतंत्र सूचकांक ( Democracy Index ) में 51वें स्थान पर रहा था। भारत के पड़ोसियों में से श्रीलंका 68वें, बांग्लादेश 76वें, भूटान 84वें और पाकिस्तान 105वें स्थान पर रहा।

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