रायपुर। कृषि विभाग के 34 भ्रष्ट अधिकारियों (corrupt officer) के खिलाफ जांच (Investigation) करने

के राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिये है। सरकार ने विशेष सचिव मुकेश बंसल (Special Secretary) को

जांच अधिकारी नियुक्त किया है। 34 भ्रष्ट अधिकारियों पर कृषि उपकरण और खाद बीज खरीदी (Seed Purchase)

में 18 करोड़ (18 Crore) से ज्यादा का भ्रष्टाचार का आरोप है।  कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के निर्देश के बाद मामले

की जांच में तेजी आई है। जबकि डेढ़ साल से मामले की जांच ठंडे बस्ते में पड़ी हुई थी। और अधिकारी अपने

पद में बने रहने के साथ ही प्रमोशन का लाभ ले चुके है। उम्मीद है कि जल्द ही जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई होगी।

 

 

कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जीव प्रौद्यौगिकी के उप सचिव जेवियर तिग्गा ने 18 अकटूबर आदेश

जारी कर कहा है कि जांच अधिकारी 30 दिन के अंदर  प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। आदेश में लिखा है कि फरवरी

2018 में विधानसभा सत्र में पूछे गये सवाल में साल 2016—17—18 तक हुई विभागीय खरीदी में भंडार क्रय

नियम के उल्लंघन का मामला सामने आया था, जिसके बाद संचालक कृषि ने एक आदेश जारी करते हुए जांच

समिति गठित की थी जिसने अपने प्रतिवेदन में 34 अधिकारियों को जांच के धेरे में पाया था जिन्हें अब कारण

बताओ नोटिस जारी किया गया है।

 

जांच के घेरे में 34 कृषि अधिकारी हैं, इनमें उपसंचालक कृषि से लेकर संयुक्त संचालक स्तर के अधिकारी

शामिल हैं. जांच अधिकारी मुकेश बंसल का कहना है कि प्रकरण को समझने में लगा हूं. आरोपी अधिकारियों

को शोकॉज नोटिस जारी हुआ है. उनका जवाब मिलने के बाद हम जांच प्रारंभ करेंगे।

 

समाजिक कार्यकर्ता उचित शर्मा ने तीन साल पहले सभी भ्र्ष्ट अधिकारियों की शिकायत की थी उचित शर्मा

की शिकायत पर संयुक्त संचालक विनोद कुमार वर्मा निलंबित हुए थे। साथ ही तत्कालीन संचालक एम एस

केरकेटटा को भी नोटिस मिला है. उचित शर्मा का कहना है कि अगर जांच इमानदारी से होती है तो 34

अधिकारी ही नहीं उनसे जुड़े 60 से ज्यादा अधिकारी दोषी पाये जाएंगे।

 

 

क्या है मामला ?

भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले समाजिक कार्यकर्ता उचित शर्मा (Social Worker Uchit Sharma) का

कहना है कि ये पूरा मामला भंडार क्रय नियम के उल्लंघन का है जिसमें  18 करोड़ के कृषि विभाग में कृषि

उपकरण और खाद बीज खरीदी हुई थी जिसमें अधिकारियों ने प्रदेश के लगभग सभी 27 जिलों (27 District)

में करोड़ों भ्रष्टाचार किया था. और इस पूरे मामले को भाजपा सरकार के दौरान तत्कालीन संचालक एमएस

केरकेट्टा (MS Kerketta) ने दबाने का काम किया था  लेकिन नई सरकार बनने के बाद मामले की जांच के

आदेश दिये गये है उम्मीद है इमानदारी से जांच होगी।

 

कृषि उत्पादन आयुक्त केडीपी राव का कहना है कि आरोपी अफसरों को शोकॉज नोटिस दिया गया है इस

मामले में एक जांच समिति पहले से जांच कर रही है जिसपर सरकार संतुष्ठ नहीं है विधानसभा में सवाल उठे

थे इसलिए नए सिरे से जांच के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।

 

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