टीआरपी डेस्क। आज कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए जींद में ‘महापंचायत’ आयोजित किया गया। जींद में कंडेला खाप द्वारा कराई जा रही इस महापंचायत को अन्य खापों का भी सहयोग प्राप्त है।

कार्यक्रम में राकेश टिकैट के पहुंचने से पहले ही बड़ी संख्या में किसान पहुंच चुके थे। इसी दौरान राकेश टिकैत जिस मंच पर खड़े थे वह स्टेज टूट गया। इस पर राकेश टिकैत ने कहा, पंचायत में मंच टूट गया, अच्छा हुआ, भाग्यवान लोगों के मंच टूटते हैं… ये लोग भी वही हैं, ये ट्रैक्टर भी वही हैं। वचन वही है हमारे 40 लोग ही फैसला करेंगे, सरकार से बातचीत करेंगे।

मांगें नहीं मानी तो अखिल भारतीय स्तर पर ‘महापंचायत’

इस दौरान कृषि कानूनों को रद्द करने का प्रस्ताव पारित करते हुए राकेश टिकैत ने घोषणा की कि ‘अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो, वे अखिल भारतीय स्तर पर ‘महापंचायत’ आयोजित करेंगे।’ किसानों के आंदोलन के लिए समर्थन इकट्ठा करने और तेजी लाने के लिए, टिकैत यहां कंडेला गांव पहुंचे थे, जहां उन्होंने ‘महापंचायत’ को संबोधित किया। लोगों ने यहां उनका भव्य स्वागत किया।

टिकैत के साथ प्रदेश भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी थे। ‘महापंचायत’ के आयोजक कंडेला ‘खाप’ के अध्यक्ष टेक राम ने कहा, “कृषि कानूनों को रद्द करने के अलावा, प्रस्ताव में मांग की गई है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि किसानों को उनकी फसलों के लिए एमएसपी मिले और गणतंत्र दिवस हिंसा के लिए किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं।”

”जब शासक डरता है, तो वह किलेबंदी करता है”

राम ने कहा, “उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आयोजित महापंचायत के कुछ दिनों बाद राज्य भर के कम से कम 50 ‘खापों’ या राज्य की सामुदायिक अदालतों के प्रतिनिधियों ने अन्य ‘महापंचायत’ में भाग लिया। सभा को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा, “अगर किसानों की मांगों को केंद्र स्वीकार नहीं करती है, तो वे राष्ट्रीय स्तर पर ‘महापंचायत’ करेंगे।”

उन्होंने कहा, “जब शासक डरता है, तो वह किलेबंदी करता है।” उन्होंने कहा कि आंदोलन को गति देने के लिए 10 फरवरी तक हरियाणा के गांव-गांव तक अभियान चलाया जाएगा।’

गौरतलब है की जब टिकैत भावुक हुए थे तो कंडेला गांव के लोगो ने जींद चंडीगढ़ हाईवे जाम कर दिया था। जिसके बाद पूरे हरियाणा भर से किसान आंदोलन को समर्थन मिला और बड़ी संख्या में लोग दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच गए थे।

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