रायपुर। (Madanwara Naxalite Attack) छत्तीसगढ़ में 11 साल पुराने मदनवाड़ा कांड न्यायिक जांच शुरू हुई है। न्यायमूर्ति शंभूनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाले न्यायिक जांच आयोग ने घटना की जानकारी अथवा कोई सूचना रखने वाले लोगों से शपथपत्र पर बयान और दस्तावेज देने को कहा है। आयोग ने इस सूचना को राजपत्र में भी प्रकाशित करवा दिया है।

आपको याद दिला दें कि वर्ष 2009 में 12 जुलाई की सुबह राजनांदगांव जिले के मदनवाड़ा गांव के पास हुए एक बड़े नक्सली हमले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विनोद चौबे सहित 25 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। यह पहला मौका था, जब नक्सलियों के हमले में किसी जिले के एसपी की शहादत हुई हो। इस हमले के बाद कुछ वरिष्ठ पुलिस अफसरों की भूमिका पर उंगली उठती रही है।

इन बिंदुओं पर जांच कर रहा है आयोग

  • यह घटना किन परिस्थितियों में हुई थी।
  • क्या घटना को घटित होने से बचाया जा सकता था।
  • क्या सुरक्षा की निर्धारित प्रक्रियाओं और निर्देशों का पालन किया गया था।
  • किन परिस्थितियों में एसपी और अन्य सुरक्षाबलों को उस अभियान में भेजा गया।
  • एसपी और जवानों के एम्बुस में फंसने पर क्या अतिरिक्त बल उपलब्ध कराया गया, अगर हां तो स्पष्ट करना है।
  • मुठभेड़ में माओवादियों को हुए नुकसान और उनके मरने और घायल होने की जांच।
  • सुरक्षाबलों के जवान किन परिस्थितियों में मरे अथवा घायल हुए।
  • घटना से पहले, उसके दौरान और बाद के मुद्दे जो उससे संबंधित हों।
  • क्या, राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों के बीच समुचित समन्वय रहा है।
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