भोपाल। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल गहरा गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कभी भी कमलनाथ सरकार गिर सकती है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद अब तक मध्य प्रदेश के 22 विधायकों ने कमलनाथ सरकार का साथ छोड़ दिया है। इन 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा में संख्या 206 हो गई है, यानी बहुमत के लिए अब 104 सीटों की जरूरत है और भाजपा के पास 107 विधायक हैं।

वहीं कमलनाथ ने कल विधायक दल की बैठक बुलाई थी जिसमें 94 विधायक शामिल हुए थे। इस तरह गेंद अभी भाजपा के पाले में दिख रही है।लेकिन कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश में अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है।विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं, हमारे पास संख्या बल है, सरकार पूरे 5 साल चलेगी।

अब मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की प्रमुख शोभा ओझा ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश विधानसभा में बहुमत साबित करेगी, बेंगलुरु में कांग्रेस के जो 19 विधायक रखे गए हैं, उनको भ्रम में रखा गया था। वे सभी हमारे साथ है। शोभा ओझा ने यहां तक दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक भी कांग्रेस पार्टी के संपर्क में हैं।

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