नेशनल डेस्क। देश और दुनिया में कोरोना का कहर जारी है। हालांकि भारत में कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ती दिखाई पड़ रही है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इसे निपटने के लिए रिसर्च कर रहे है। वही इस बीच अब कोविड-19 टेस्ट की रिकॉर्ड 30 मिनट से भी कम समय में रिपोर्ट देने वाला फेलुदा टेस्ट जल्द ही भारत में भी शुरू हो सकता है।

कोरोना वायरस के सटीक टेस्ट को भारत में ड्रग रेगुलेटर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने मंजूरी दे दी है। ये एक सस्ता पेपर-बेस्ड स्ट्रिप टेस्ट है। इसे काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) ने टाटा ग्रुप की रिसर्च टीम के साथ बनाया है।

ये है FELUDA टेस्ट

FELUDA का पूरा नाम FNCAS9 Editor Linked Uniform Detection Assay है। FELUDA टेस्ट भारत का पहला कम लागत वाला पेपर-बेस्‍ड टेस्ट है, जिसमें कोविड-19 की पहचान में एक पेपर स्ट्रिप का इस्तेमाल किया जाता है। जो वायरस का पता चलने पर रंग बदलता है। टेस्ट को किसी भी आम पैथोलॉजिकल लैब में किया जा सकता है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार नया टेस्ट आधे घंटे से कम समय में नतीजा दे देता है।

‘जासूस’ के नाम पर दिया गया इसका नाम

फेलुदा ( FELUDA ) टेस्ट का पूरा नाम रखने के पीछे एक कहानी और है। वो ये है कि टेस्ट को तैयार करने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ. देबज्योति चक्रवर्ती और सौविक मैत्री ने इसका नामकरण किया है। देबज्योति चक्रवर्ती ने इस टेस्ट का नाम फिल्ममेकर सत्यजीत रे के काल्पनिक जासूसी चरित्र फेलुदा के नाम पर रखा है।

डॉ. देबज्योति चक्रबर्ती ने एक इंटरव्यू में बताया कि वे बंगाली लेखक सत्यजीत रे के फैन हैं. ये नाम उनकी पत्नी ने पहली बार सुझाया था। उपन्यासों में फेलुदा ने कई एडवेंचर किए हैं। पिछले दशकों में फेलुदा और उनके दो काल्पनिक साथी बंगाली साहित्य के प्रमुख किरदार बने रहे। वो देश के अलग अलग हिस्सों में केसों को सुलझाते थे। फेलुदा शातिर दिमाग के तौर पर पहचान रखते हैं जो हाजिरजवाब है और जल्द ही किसी भी अपराध को सुलझा लेते हैं. इसलिए उनके नाम पर इस टेस्ट का नाम रखा गया है।

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