लखीमपुर खीरी हिंसा: अगर मेरे बेटे के खिलाफ एक भी सबूत आता है तो दे दूंगा इस्तीफा

टीआरपी डेस्क। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी ने कहा है कि अगर लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में उनके बेटे आशीष ‘मोनू’ के खिलाफ एक भी सबूत आता है तो वो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि अगर एक भी सबूत ऐसा सामने आ जाए जिससे पता चले कि उनके बेटे आशीष मिश्रा घटनास्थल पर मौजूद थे। तो वो मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। बता दें कि ‘किसान प्रदर्शनकारियों’ की हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई है।

वहीं आशीष मिश्रा ने माँग की कि इस मामले की निष्पक्ष जाँच हो। उन्होंने कहा कि वो हर तरह की जाँच का सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ‘किसानों’ ने उन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने गोलियाँ चलाईं जिससे कई लोग मरे, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में किसी भी व्यक्ति के गोली से मरने (Bullet Injury) की बात सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि न तो वो घटनास्थल पर मौजूद थे, न ही वहाँ गोलियाँ चलीं।

आशीष मिश्रा ने कहा, “हमारे लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। अधिकतर पीड़ित भाजपा कार्यकर्ता ही थे। मैं कार्यक्रम स्थल पर ही था, घटनास्थल पर पहुँचा भी नहीं था। ये ईश्वर का आशीर्वाद था कि मैं वहाँ नहीं था, वरना आज मैं आपलोगों के बीच न होता। मेरे पिता यहाँ से सांसद हैं और ये हमारा गृह क्षेत्र है, इसीलिए यहाँ की जनता हमारा परिवार है। जो लोग हमें चाहते हैं, वो चाहते हैं कि मैं सक्रिय राजनीति में रहूँ।”

उन्होंने कहा कि जनता सब कुछ जानती है और जिन लोगों ने ये सब किया है, उन्हें भी सत्यता का भान है। उन्होंने ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ होने की बात करते हुए कहा कि जाँच के लिए मैं तैयार हूँ। उन्होंने अपने पिता के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने राकेश टिकैत को किसानों को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार करने की माँग की थी। उन्होंने कहा कि जब किसानों को राकेश टिकैत नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं, तो कार्रवाई होनी ही चाहिए।

बता दें कि उस क्षेत्र में ‘टेनी महाराज’ कह कर पुकारे जाने वाले अजय मिश्रा का जनता के बीच बड़ा प्रभाव है। 2012 में निघासन से उनके विधायक चुने जाने के बाद उनके बेटे भी जनता से मिलने-जुलने लगे। अजय मिश्रा दूसरी बार खीरी से सांसद बने हैं। परिवार का पेट्रोल पम्प व राइस मिल का व्यापार है, जिसे आशीष ही देखते थे। अजय मिश्रा जिला पंचायत सदस्य भी रहे हैं। वो भाजपा के विधायक उम्मीदवारी के भी दावेदार हैं।

अजय मिश्रा ने कहा, हमारे स्वयंसेवक हमारे मुख्य अतिथि के स्वागत के लिए गए थे मैं उनके साथ था। उसी समय, कुछ असामाजिक तत्वों ने काफिले पर हमला किया, इस दौरान कार के चालक को चोट लगी वह संतुलन खो बैठा, जिसके परिणामस्वरूप कार पलट गई। आशीष मिश्रा के खिलाफ हिंसा के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस बीच आशीष मिश्रा ने कहा कि पुलिस ने अब तक न तो उनसे संपर्क किया न ही उनसे मुलाकात की है।

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