1 जुलाई से 7 दिनों के लिए कोयला खदान बंद करने की तैयारी में भूविस्थापित, एसईसीएल प्रबंधन ने बुलाया वार्ता के लिए
1 जुलाई से 7 दिनों के लिए कोयला खदान बंद करने की तैयारी में भूविस्थापित, एसईसीएल प्रबंधन ने बुलाया वार्ता के लिए

कोरबा। SECL की कोयला खदानों से विस्थापित हुए लोगों के संगठन ऊर्जाधानी भूविस्थापित-किसान कल्याण समिति ने आगामी 01 जुलाई से दीपका और गेवरा की कोयला खदानों को बंद करने की चेतावनी दी है। भूविस्थापितों को रोजगार, बसाहट और मुआवजे के लंबित प्रकरणों का निपटारा करने की मांग को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है, जिसे रोकने के लिए SECL प्रबंधन ने संगठन के प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बिलासपुर मुख्यालय में बुलाया है।

08 जून को खदान का काम कर दिया था ठप्प

SECL की खदान से प्रभावित लोग बीते 8 जून को महिलाओ और बच्चों के साथ खदान में घुस गए थे और यहाँ का कामकाज ठप्प कर दिया था। इस बार भी आश्वासन के बावजूद इनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया। जिसे देखते हुए 01 जुलाई से सप्ताह भर के लिए खदान को ठप्प कर दिए जाने की चेतावनी भूविस्थापितों ने दी है।

आंदोलन की इस तरह हो रही है तैयारी

दरअसल SECL की कोयला खदानों के लिए प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों की जमीन तो ले ली जाती है मगर मुआवजे, नौकरी और बसाहट के नाम पर इन्हे बरसों घुमाया जाता है। इससे परेशान खदान प्रभावितों ने इस बार आरपार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। इसी रणनीति के तहत 01 जुलाई से प्रस्तावित आंदोलन को कामयाब बनाने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामवार बैठक करने के साथ ही हर घर से 10 रुपया और एक मुट्ठी चावल संग्रह का कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है तथा सभी को आंदोलन में शामिल होने के लिए आव्हान कियाजा रहा है । संगठन के पदाधिकारियों ने कहा है कि इस आंदोलन में हजारों लोग खदान बन्द कराने के लिए पहुंचेंगे।

एसईसीएल मुख्यालय से वार्ता की पहल

एसईसीएल के गेवरा क्षेत्र के मुख्य महाप्रबन्धक की पहल पर 28 जून को मुख्यालय से बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के अधिकारी के साथ वार्ता तय किया गया था किंतु जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी न हो पाने के कारण 30 जून को 12 बजे से गेवरा में त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित की गई है।

क्या है इनकी मांगें

कोयला खदान के चलते विस्थापित हुए ग्रामीणों की प्रमुख मांगों में सभी खातेदार को रोजगार, चार गुना मुआवजा और बेहतर पुनर्वास की व्यवस्था, प्रभावित परिवारों के बेरोजगारों को ठेके में प्राथमिकता, लंबित रोजगार, मुआवजा और बसाहट के प्रकरणों के तत्काल निराकरण, भूविस्थापित किसान परिवार के बच्चों को नि:शुल्क प्राथमिक-उच्च शिक्षा दिए जाने, जिला खनिज न्यास निधि DMF का प्रभावित ग्रामों के शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर खर्च करने सहित कुल 15 मांगें शामिल हैं।

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