भोपाल। देश में भले ही कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु लॉकडाउन 2 लागू कर दिया गया है। मगर इसी के साथ अब एक नई समस्या सामने आ रही है। दरअसल कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें मृतकों के कोरोना संक्रमित होने की रिपोर्ट अंतिम संस्कार के बाद मिली है। जिसके चलते संक्रमण का खतरा भी बढ़ने की आशंका है। ताजा मामला मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का है।

मध्यप्रदेश की राजधानी में कोरोना संक्रमितों व इससे मरने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। साथ ही शहर में मंगलवार तक कोरोना से 4 लोगों की मौत हो चुकी है। मगर इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें से कुछ की रिपोर्ट अंतिम संस्कार के बाद आई है।

जहांगीराबाद में रहने वाले 74 साल के व्यक्ति की संक्रमण से 11 अप्रैल को मौत हो गई। इनकी रिपोर्ट मंगलवार को पॉजिटिव आई है। इनकी कांटेक्ट हिस्ट्री निकाली जा रही है। इधर, हमीदिया अस्पताल में 60 साल के एक कोरोना संदिग्ध की मौत हो गई है। शव से कोरोना की जांच के लिए सैंपल लिए गए है। इनके अतिरिक्त 15 अन्य सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं।

इतना ही नहीं पिछली दो मौतों की इस मामले में भी कोरोना की जांच रिपोर्ट मौत के दो दिन बाद मिली। इसके अलावा इसमें प्रशासन की लापरवाही भी सामने आ रही है दरअसल कोरोना संदिग्ध होने के बावजूद धार्मिक रीतिरिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया जा रहा है जिसमें लोगों के बीच संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है।

संदिग्ध मौत में प्रोटोकॉल का नहीं हो रहा पालन

भोपाल में कोरोना से अब तक चार मौत हुई हैं। इनमें से तीन मौत ऐसी हैं, जिसमें अंतिम संस्कार के बाद जांच रिपोर्ट आई है। यहां एक बात साफ तौर पर दिखाई दे रही है कि कोरोना संदिग्ध व्यक्ति की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं करा पा रहा है। मृतक के परिजन पूरी धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार कर रहे हैं और कोई उनको रोकने वाला नहीं है। जगन्नाथ मैथिल, इमरान खान और राजकुमार यादव इसका उदाहरण हैं।

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