कोरोना में घर से 30 मिनट दूर फंसा आदमी दो साल बाद लौट पाया, जानें अपने परिवार से बिछड़े इस शख्स की आपबीती

सिंगापुर। करीब ढाई साल के कोरोना काल में दुनियाभर के लोग परेशान होते रहे, कोई अपनों से बिछुड़ गए तो कई आज भी अपने परिवार से नहीं मिल पाए हैं। ऐसी ही एक आपबीती मलेशिया के मुहम्मद फारिस की जो काम के सिलसिले में रोजाना सिंगापुर आना जाना करते थे।

दरअसल मार्च 2020 में कोरोना के चलते जब सीमाएं सील हुईं, तो फारिस सिंगापुर में फंस गए, अब वो अपने परिवार से दोबारा मिल पाए हैं। मुहम्मद फारिस अब्दुल्ला का घर मलेशिया में है और दफ्तर सिंगापुर में। कोरोना महामारी से पहले उन्हें घर से दफ्तर आने-जाने में रोजाना बस 30 मिनट लगते थे।

मगर, मार्च 2020 में जब बिना किसी पूर्व चेतावनी के राष्ट्रीय सीमाएं सील हो गईं, तो खाना पहुंचाने वाली एक कंपनी में ड्राइवर की नौकरी कर रहे 37 बरस के फारिस सिंगापुर में फंस गए। एक ऐसी जगह, जहां उनके पास कोई घर-बार तक नहीं था। कोरोना प्रतिबंधों में दी गई ढील के चलते फारिस इस हफ्ते करीब दो साल बाद अपने परिवार से दोबारा मिल पाए हैं।

एक अंग्रेजी न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक मलेशिया के सुदूर दक्षिणी छोर पर बसे शहर जोहोर बाहरु के लिए रवाना होते समय अपनी आपबीती बताते हुए फारिस कहते हैं, “ऐसा लग रहा है मानो आपको जेल में बंद कर दिया गया हो और लंबे समय बाद आप अपने परिवार से मिले हों।”

मुहम्मद फारिस की कहानी अपने आप में अकेली नहीं, मलेशिया और सिंगापुर की सीमा दुनिया की सबसे व्यस्त जमीनी सीमाओं में से एक है। कोरोना के चलते जब ये सीमा बंद की गई, तो दोनों मुल्कों के हजारों लोग अपने घर-परिवार से दूर पड़ोसी देश में फंस गए।