प्रशांत किशोर

टीआरपी डेस्क। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। ऐसी उम्मीद है कि वे जल्द ही कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले सकते हैं। इस बीच पार्टी के कुछ ऐसे भी नेता हैं जिन्होंने प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने की खिलाफत कर दी है।

बता दें कि हाल ही में कपिल सिब्बल के घर पर एक अहम बैठक हुई थी। इस बैठक में कांग्रेस के G-23 ग्रुप के नेता शामिल हुए थे। इनमें से अधिकतर नेता प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने के पक्ष में नहीं हैं। इस ग्रुप के नेता चुनाव से जुड़े अहम फैसले लेने के लिए ‘आउटसोर्सिंग’ से निराश हैं।

सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान कुछ नेताओं ने विरोध जताते हुए कहा कि कांग्रेस 135 साल पुरानी संस्था है न कि कोई स्टार्ट-अप है जहां कोई फैंसी विचारों के साथ आए और उसे शामिल कर लिया जाए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन या आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के बिना उनकी रणनीति नहीं चल पाएगी। हमने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनकी प्रभावशीलता देखी है जब उन्होंने कांग्रेस-सपा गठबंधन के लिए काम किया था। उन्होंने आगे कहा कि प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने के किसी भी प्रस्ताव पर कांग्रेस वर्किंग ग्रुप की बैठक में चर्चा की जानी चाहिए।

इस बैठक में कपिल सिब्बल के अलावा गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, शशि थरूर, मनीष तिवारी, भूपिंदर सिंह हुड्डा समेत कई नेता मौजूद थे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी और अंबिका सोनी को प्रशांत किशोर पर पार्टी नेताओं के विचारों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।

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