बजट 2021 पर आई मिली-जुली प्रतिक्रिया...
बजट 2021 पर आई मिली-जुली प्रतिक्रिया...

रायपुर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आम बजट 2021 पेश किया। कोरोना काल में यह बजट इस दशक का सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बजट है। इस बजट को लेकर आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ। बजट को लेकर शहर में लोगों की मिली जुली प्रतिक्रया देखने को मिली। किसान इस बजट से खुश हैं तो वहीं कांग्रेस ने इस बजट को चुनावी बजट करार दिया है। प्रदेश भाजपा ने कहा है कि इस बजट से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

केंद्रीय बजट 2021 निराशाजनक

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने केंद्रीय बजट को निराशाजनक बताया है। मरकाम ने कहा है कि केन्द्रीय बजट चंद पूंजीपतियों के लिए लाया गया है। काल्पनिकता से परिपूर्ण 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर लाया गया केन्द्रीय बजट जमीनी वास्तविकता से कोसों दूर है। किसान, मजदूर, नौजवान, गृहणियों, मध्यमवर्गीय परिवारों व्यापार उद्योग किसी भी वर्ग की जरूरतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। गरीबों के लिए सामाजिक क्षेत्रों के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है। छत्तीसगढ़ जैसे गतिशील अर्थव्यवस्था वाले प्रदेश की जरूरतों को नजरअंदाज किए जाने पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि जीडीपी की गिरती दर, बढ़ती मंहगाई और बेरोजगारी व्यापार व्यवसाय उद्योग धंधों की दुर्दशा पर केन्द्रीय बजट में कोई ध्यान नहीं दिया गया है। सरकार ने सरकारी उपक्रमों को बेचने की पूरी तैयारी कर ली है, जो बेहद दुखद है।

मोहन मरकाम
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

सूक्ष्म और लघु उद्योग को बढ़ावा

भारतीय जनता पार्टी रायपुर शहर जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने बजट 2021 पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने सूक्ष्म और लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए दुगुने बजट का प्रावधान किया है। साथ ही व्यापारियों पर विश्वास जताते हुए खाता बही रखने की सीमा 7 साल से कम कर कर 3 साल की है तथा बुजुर्गों का सम्मान करते हुए 75 वर्ष से अधिक पेंशनर बुजुर्गों को आईटी रिटर्न दाखिल करने में में छूट दी है। स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और छोटे और मझोले उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बजट में राशि को दुगुनी की गई है इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

श्रीचंद सुंदरानी
जिला अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी रायपुर

धरातल पर इन घोषणाओं पर अमल होता है या नहीं

शिक्षा के क्षेत्र में फिलहाल अभी घोषणाएं ही हुईं है। देखने वाली बात है कि इन घोषणाओं का धरातल पर कहां तक अमल होता है। सरकार शिक्षा पद्धति को दुरूस्त करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। आदिवासी क्षेत्रों में 750 एकलव्य मॉडल स्कूलों में सुविधाओं का सुधार करने के साथ ही आदिवासी बच्चों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की घोषणा की है इसपर अमल भी जरूरी है।

अविनय सिंह
शिक्षा विशेषज्ञ

इनकम टैक्स को लेकर बजट में कोई बड़ा बदलाव नहीं

इनकम टैक्स को लेकर बजट 2021 में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। यानी पिछले साल की ही तरह आपको इस साल भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दो ऑप्शन मिलेंगे। बजट में सिर्फ एक बड़ी घोषणा हुई है- 75 वर्ष से ज्यादा आयु वाले पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करना पड़ेगा। यह ऐसे पेंशनर्स हैं जिनकी आय सिर्फ पेंशन और बैंक में मिलने वाले ब्याज से है। इनका टैक्स बैंक ही TDS के तौर पर काट लेगा। सड़क विकास की घोषणा भी कुछ ही राज्यों के लिए की गई है। जो केवल उन्हीं राज्यों के लिए फायदेमंद रहेगी। आम लोगों को इस बजट में जगह नहीं मिली।

मोहन निलय
बिजनेस मैन

यह बजट किसानों के लिए फायदेमंद

खेती-किसानी पर अगले साल 1.72 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान किया गया है। इसमें 1 हजार नई इलेक्ट्रॉनिक मंडियों, कृषि उत्पाद बाजार समिति (APMC) के लिए एग्री फंड समेत माइक्रो इरिगेशन पर बजट को बढ़ाया गया है। इससे किसानों को बेहद लाभ मिलेगा। बाजार में किसानों को उनकी फसलों के सहीं दाम मिल सकेंगे। कुल मिलकार यह बजट किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है।

यश दवे
एग्री बिजनेसमैन, छत्तीसगढ़

गाड़ियों के लिए स्क्रैप योजना से ऑटोमोबाइल सेक्टर में आएगा बूम

आज पेश हुए केंद्रीय बजट 2021 में 40 हज़ार करोड़ ग्रामीण विकास के लिए, 20 हज़ार करोड़ बैंकों को मजबूत बनाने व 15 हज़ार करोड़ छोटे उद्योगों को देकर सबका विकास की बात चरितार्थ की गई है। पूंजीगत व्यय में 34.5% की वृद्धि कर 5 लाख 50 हज़ार करोड़ के आंबटन से देश में रोजगार व निवेश के नए अवसर पैदा होंगे। इसके दूरगामी परिणाम सकारात्मक होंगे। संकट के इस दौर में सरकार ने टैक्स कंप्लायंस से भी छूट दी है। 75 वर्ष से अधिक उम्र के लोगो को टैक्स रिटर्न्स नहीं भरना है अगर उनकी केवल पेंशन और इंटरेस्ट की आय है। केस इनकम टैक्स विभाग 6 वर्ष तक खोल सकता था अब वह केवल 3 वर्ष तक खोला जा सकेगा। छोटे व्यापारियों के लंबित मामलों के लिए एक डिस्प्यूट रेसोल्यूशन कमिटी बनेगी। गाड़ियों के लिए स्क्रैप योजना लाने से ऑटोमोबाइल सेक्टर में बूम आएगा। पिछली सरकार जहां 16 लाख करोड़ का खर्चा सरकार कर पाती थी अब सरकार 34.5 लाख खर्च करने जा रही है। यह रकम आम आदमी के जेब में जाएगी इससे अर्थव्यवस्था भी पटरी पर आएगी।

सीए अमित चिमनानी
पूर्व अध्यक्ष सीए ब्रांच रायपुर
पूर्व सलाहकार महालेखाकार छतीसगढ़

इन योजनाओं का लाभ आम लोगों को कैसे मिलेगा यह देखने वाली बात होगी

केंद्र ने कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट 2021 में बढ़ोतरी की है और एक खास स्कीम भी चलाई है। कोरोना की वजह से ही इस बार हेल्थ बजट में 137% का इजाफा हुआ। आज बजट के जरिए आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना का तोहफा देश के लोगों को दिया। स्वास्थ्य बजट में 135 पर्सेंट का इजाफा हुआ है और इसे 94 हजार से 2.38 लाख करोड़ किया गया है। मगर देखने वाली बात यह होगी कि इसका लाभ सरकारी अस्पतालों को मिलता है या फिर प्राइवेट अस्पतालों को मिलेगा।

डॉ. अजीत डेगवेकर
चिकित्सा विशेषज्ञ

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