छत्तीसगढ़ में कोरोना पीक से ढलान की ओर, 6577 मरीज मिले, 11207 डिस्चार्ज 149 की मौत
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टीआरपी डेस्क। कोरोना महामारी के बीच देशभर में इस समय वैक्सीनेशन कैंप चल रहा है। वहीं देश के एक बड़े स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि देश के सभी राज्यों को वैक्सीन लगवा चुके लोगों की मॉनिटरिंग के समय को बढ़ाकर 28 दिन कर देना चाहिए। अभी देश में वैक्सीन लगने के बाद 72 घंटे तक लोगों की मॉनिटरिंग की जाती है।

नेशनल लेवल पर बनी एडवर्स इवेंट्स फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन के सदस्य डॉ. एनके अरोड़ा का कहना है बाजार में कई दूसरी वैक्सीन आने को तैयार हैं और ऐसे में वैक्सीनेशन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स की मॉनिटरिंग को बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी एईएफआई डाटा जल्द ही एक सार्वजनिक पोर्टल पर होंगे। साथ ही कहा कि ये एक ऐसा कदम होगा, जिसकी मांग सभी हेल्थ एक्सपर्ट काफी समय से कर रहे हैं।

डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि अब तक वैक्सीन लगवा चुके 7 करोड़ लोगों की मॉनिटरिंग पूरी की जा चुकी है। इनमें से 0.5 फीसदी से भी कम मामलों में वैक्सीनेशन के बाद गंभीर साइड इफेक्ट्स देखने को मिले हैं। साथ ही कहा कि इस मामले में पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है और इससे जुड़े डाटा जल्द सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि ज्यादा मॉनिटरिंग का समय आवश्यक है और कई देशों में ये हो रहा है।

डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि सभी राज्यों को अब स्थानीय अधिकारियों से संपर्क कर एक ऐसा सिस्टम तैयार करना चाहिए, जिसमें वैक्सीन लगवा चुके लोगों की 28 दिन की साइड इफेक्ट्स से जुड़ी जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि ये सभी वैक्सीन नई हैं और इनसे जुड़े साइड इफेक्ट्स की जानकारी के लिए और अधिक फॉलोअप की जरूरत है। इस हफ्ते की शुरुआत में केंद्र सरकार ने कहा था कि देश में अंतरराष्ट्रीय टीकों के आने के साथ ही प्रति महीने 25-30 करोड़ खुराक उपलब्ध होने की उम्मीद कर सकते हैं।

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